Highlights
- पालघर में रविवार को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई
- 24 अक्टूबर 2016 को साइरस मिस्त्री टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए गए
- टाटा संस के निदेशक मंडल से भी हटाया गया
Cyrus Mistry Death: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की महाराष्ट्र के पालघर में रविवार को हुई एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह दुर्घटना उस वक्त हुई जब मिस्त्री की कार मुंबई से सटे पालघर जिले में एक डिवाइडर से टकरा गई। उस समय मिस्त्री मर्सिडीज कार में अहमदाबाद से मुंबई लौट रहे थे। पुलिस अधिकारी ने कहा कि दुर्घटना अपराह्न लगभग 3.15 बजे हुई। मिस्त्री अहमदाबाद से मुंबई की ओर जा रहे थे।
यह हादसा सूर्या नदी पर बने पुल पर हुआ। ऐसा लग रहा है कि यह एक दुर्घटना है। इस हादसे में मिस्त्री के साथ यात्रा कर रहे दो अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनमें कार चालक भी शामिल है। सभी घायलों को गुजरात के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, हादसे के बारे में अधिक जानकारी घायलों से जुटाने की कोशिश की जाएगी। क्या आपको पता है कि मिस्त्री ने टाटा के खिलाफ केस भी दायर किया था। साइरस मिस्त्री अपने मौत के साथ कई विवादों भरी कहानियां पीछे छोड़ गए। आज उन्हीं विवादों को तरीख के मुताबिक समझेंगे कि आखिर कब-कब क्या हुआ।
कौन थे साइरस मिस्त्री
साइरस पल्लोनजी मिस्त्री 4 जुलाई 1968 में उनका जन्म हुआ था। वो भारतीय भारतीय मूल के एक आयरिश व्यापारी थे। 2012 से 2016 तक एक भारतीय व्यापार समूह टाटा समूह के अध्यक्ष थे। समूह के छठे अध्यक्ष थे। उन्हें टाटा समूह के प्रमुख के लिए एक चयन पैनल द्वारा चुना गया था और उसी वर्ष दिसंबर में कार्यभार संभाला था
मिस्त्री टाटा संस के चेयरमैन पद हटाया गया
24 अक्टूबर 2016- साइरस मिस्त्री टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए गए इसके बाद रतन टाटा अंतरिम चेयरमैन बने। वही 20 दिसंबर 2016- मिस्त्री परिवार द्वारा समर्थित दो निवेश कंपनियां साइरस इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लि. और स्टर्लिंग इनवेस्टमेंट्स कॉरपोरेशन प्राइवेट लि.एनसीएलटी की मुंबई बेंच में गयी। उन्होंने टाटा संस पर अल्पांश शेयरधारकों के उत्पीड़न और कुप्रबंधन का आरोप का लगाया। जिसके बाद मिस्त्री को बर्खास्त करने की कार्रवाई को चुनौती दी गयी।
2 जनवरी 2017- टाटा संस ने टीसीएस के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक एन.चंद्रशेखरन को चेयरमैन बनाया। इसके बाद 6 फरवरी 2017- मिस्त्री को टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के निदेशक मंडल से भी हटाया गया। 6 मार्च 2017- एनसीएलटी मुंबई ने मिस्त्री परिवार की दो निवेश कंपनियों की अर्जी खारिज की थी। न्यायाधिकरण ने कहा कि अपीलकर्ता कंपनी में न्यूनमत 10 प्रतिशत मालिकाना हक के मानदंड को पूरा नहीं करता।
निवेश कंपनियों ने पक्षपात के आरोप लगाए
17 अप्रैल 2017- एनसीएलटी मुंबई ने दोनों निवेश कंपनियों की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें अल्पांश शेयरधारकों के उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने को लेकर कम-से-कम 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के प्रावधान से छूट देने का आग्रह किया गया था। 27 अप्रैल 2017- ये निवेश कंपनियां अपीलीय न्यायाधिकरण में पहुंचीं। 21 सितंबर 2017- अपीलीय न्यायाधिकरण ने दोनों निवेश कंपनियों की उत्पीड़न और कुप्रबंधन के खिलाफ मामला दायर करने के लिए न्यूनतम हिस्सेदारी के प्रावधान से छूट देने के आग्रह वाली याचिका स्वीकार कर ली।
हालांकि उसने मिस्त्री की दूसरी याचिका को खारिज कर दिया, जिसे एनसीएलटी विचार करने लायक नहीं होने के आधार पर खारिज किया था। अपीलीय न्यायाधिकरण ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ को नोटिस जारी करने और मामले में सुनवाई करने को कहा। 5 अक्टूबर 2017- निवेश कंपनियों ने दिल्ली में एनसीएलटी की प्रधान पीठ से संपर्क कर पक्षपात का हवाला देते हुए मामले को मुंबई से दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह किया।
दो कंपनियों के ऊपर इतने रुपये का जुर्माना लगाया गया
6 अक्टूबर 2017- एनसीएलटी की प्रधान पीठ ने याचिका खारिज कर दी और दोनों निवेश कंपनियों पर 10 लाख रुपये की लागत का जुर्माना थोपा। 9 जुलाई 2018 एनसीएलटी मुंबई ने मिस्त्री की याचिका खारिज की, जिसमें टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाये जाने को चुनौती दी गयी थी। 3 अगस्त 2018 दोनों निवेश कंपनियां एनसीएलटी के आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण गयीं।
29 अगस्त 2018 अपीलीय न्यायाधिकरण ने साइरस मिस्त्री की याचिका सुनवाई के लिए दाखिल कर ली। 18 दिसंबर 2019 अपीलीय न्यायाधिकरण ने मिस्त्री को टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन बहाल करने का आदेश दिया। मामले में अपील करने के लिये टाटा संस को चार सप्ताह का समय दिया गया।