भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। मनमोहन सिंह को तबीयत बिगड़ने के बाद गुरुवार को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। उन्हें अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लाया गया था। डॉ. मनमोहन सिंह ने साल 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। उन्हें भारत के सबसे महान अर्थशास्त्रियों में से एक माना जाता था जिन्होंने भारत के आर्थिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आइए जानते हैं पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की शिक्षा और राजनीतिक करियर से जुड़ीं कुछ खास बातें।
कितना पढ़े-लिखे थे मनमोहन सिंह?
डॉ. मनमोहन सिंह को पूर्व प्रधानमंत्री के अलावा एक महान अर्थशास्त्री के रूप में भी जाना जाता था। बंटवारे के वक्त उनका परिवार भारत चला आया था। मनमोहन सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा हासिल की थी। इसके बाद वह कैम्ब्रिज चले गए थे। यहां से मनमोहन सिंह ऑक्सफोर्ड चले गए और वहां भी उच्च शिक्षा हासिल की थी। उन्हें ऑक्सफोर्ड से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि मिली हुई है। आपको बता दें कि डॉ. मनमोहन सिंह अर्थशास्त्र के टीचर रहे हैं और पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकनामिक्स में प्राध्यापक भी रह चुके थे।
कैसा रहा राजनीतिक करियर?
डॉ. मनमोहन सिंह कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार में 2004 से लेकर 2014 तक लगातार 10 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे थे। डॉ. मनमोहन सिंह का राजनीतिक करियर साल 1991 में शुरू हुआ जब वह पहली बार राज्यसभा सदस्य बने। वह पूर्व पीएम नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री बने थे। मनमोहन सिंह एक अक्टूबर, 1991 से 14 जून, 2019 तक लगातार पांच बार राज्यसभा के सदस्य रहे थे। इसके बाद वह 20 अगस्त, 2019 से 3 अप्रैल, 2024 तक फिर से राज्यसभा के सदस्य बने थे। डॉ. मनमोहन सिंह ने 1998 से 2004 तक सदन में नेता प्रतिपक्ष का भी पद संभाला था।
साल 1985 में राजीव गांधी की सरकार में मनमोहन सिंह को योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। उन्होंने 5 साल तक ये पद संभाला। साल 1990 में वह पीएम के आर्थिक सलाहकार बने। डॉ. मनमोहन सिंह 1982 से 1985 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रहे। इसके अलावा उन्होंने साल 1966-1969 के बीच संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के लिए आर्थिक मामलों के अधिकारी के रूप में काम किया।