भुवनेश्वर: ओडिशा के भुवनेश्वर में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे-3) की विशेष अदालत ने मंगलवार को ओडिशा के पूर्व विधायक राममूर्ति गोमंगा को साल 1995 में अपनी पत्नी शशिरेखा की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। गोमंगा को 24 जून को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 201 (सबूत नष्ट करना) के तहत दोषी ठहराया गया था।
इतना लगा जुर्माना
सरकारी वकील रश्मि रंजन ब्रह्मा ने कहा कि आजीवन कारावास के अलावा, विशेष अदालत की न्यायाधीश सष्मिता पाधी ने गुनुपुर के पूर्व विधायक पर विभिन्न धाराओं के तहत 60,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस मामले से जुड़े 11 गवाहों के बयान और 15 दस्तावेजों के आधार पर गोमंगा को दोषी ठहराया गया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, शशिरेखा का अधजला शव 29 अगस्त, 1995 को यहां गोमंगा के आधिकारिक आवास के बाथरूम से बरामद किया गया था। भुवनेश्वर के खारवेल नगर पुलिस थाने में शुरुआत में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में हत्या का मामला दर्ज किया गया क्योंकि जांच में हत्या किए जाने के संकेत मिले थे।
गोमंगा गुनुपुर विधानसभा क्षेत्र से जनता दल के टिकट पर 1995 में विधायक निर्वाचित हुए । फिर 2000 में इसी सीट से भाजपा के टिकट पर विधायक बने, लेकिन साल 2004 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हेमा गोमंगा से हार गये। (इनपुट: भाषा)
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