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जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का निधन, गुरुग्राम के अस्पताल में ली अंतिम सांस

जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनकी बेटी ने उनके निधन की सूचना दी। गुरुग्राम के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे जमीन से जुड़े ऐसे नेता थे, जिन्होंने डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित होकर सक्रिय युवा नेता के तौर पर कई आंदोलनों में हिस्सा लिया।

Edited By: India TV News Desk
Updated on: January 13, 2023 12:13 IST
sharad yadav- India TV Hindi
Image Source : FILE sharad yadav

जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का निधन हो गया है। शरद यादव की बेटी ने इसकी जानकारी दी है। उनकी उम्र 75 साल थी। शुभाषिनी ने अपने ट्वीट में जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'पापा नहीं रहे'। गुरुग्राम के फोर्टीज अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फोर्टिसअस्पताल ने जारी बयान में कहा है कि शरद यादव को बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था। उनमें कोई पल्स नहीं थी। तमाम कोशिशों के बावजूद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। रात 10.19 पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं।

1 जुलाई 1947 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में एक गांव में किसान परिवार में जन्मे शरद यादव सर्वमान्य नेता थे। उन्होंने हमेशा बेबाकी से संसद हो या जनसभाएं, अपनी बात प्रखरता से रखी। वे जमीन से जुड़े ऐसे नेता थे, जिन्होंने डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित होकर सक्रिय युवा नेता के तौर पर कई आंदोलनों में हिस्सा लिया। आंदोलनों के साथ ही उनका कद भी बढ़ने लगा। 

पहली बार 1974 में बने सांसद

पहली बार 1974 में वे मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। यह जेपी आंदोलन का समय था और वे हल्दर किसान के रूप में जेपी द्वारा चुने गए पहले उम्मीदवार थे। 1977 में भी वे इसी लोकसभा सीट से चुनाव जीते। उस वक्त वे युवा जनता दल के अध्यक्ष रहे। वे पहली बार राज्यसभा पहुंचे साल 1986 में। फिर वे 1989 में यूपी की बदाऊं लोकसभा सीट से चुनाव जीते और तीसरी बार संसद में पहुंच गए। वे 1989-1990 में वीपी सिंह की सरकार में वे टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री रहे। 

लालू, मुलायम के साथ कई आंदोलनों में लिया हिस्सा

अपने राजनीतिक जीवन का आगाज लालू प्रसाद यादव, मुलायम सिंह यादव के साथ शुरू किया। वे इंजीनियर भी थे। 1971 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान वे जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज, जबलपुर मध्यप्रदेश में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। छात्र राजनीति के साथ वे पढ़ाई में भी अग्रणी रहे और बीई (सिविल) में गोल्ड मेडल जीता। पढ़ाई में अच्छा होने के बावजूद उनके जीवन में राजनीतिक विचारधारा बलवती रही। यही कारण रहा कि आम जनमानस के लिए कुछ कर गुजरने की जीजिविषा के चलते उन्होंने राजनीति को ही अपना ध्येय बनाया। 

पीएम मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जताया शोक

वरिष्ठ राजनेता, पूर्व सांसद शरद यादव के निधन पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शोक जताया है। उन्होंने कहा कि वे विलक्षण प्रतिभा वाले महान समाजवादी नेता थे। उन्होंने वंचितों–शोषितों के दर्द को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनका निधन समाजवादी आंदोलन के लिए बड़ी क्षति है। परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं।

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