
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के पूर्व अध्यक्ष नरिंदर ध्रुव बत्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी की रिपोर्ट में किसी तरह की खामी नहीं है। जांच अधिकारी द्वारा की गई जांच से संतुष्ट हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब नरिंदर ध्रुव बत्रा का बयान आया है।
नरिंदर ध्रुव बत्रा का बयान
नरिंदर ध्रुव बत्रा ने कहा, "मुझे उन लोगों से कोई शिकायत नहीं है जो मुझे कमजोर करना चाहते थे। जैसा कि मेरा कोई पॉलिटिकल गॉडफादर नहीं था। हमारे सिस्टम में यह अक्सर कहा जाता है कि बिना मजबूत समर्थन के कोई बड़ा सपना नहीं देख सकता। हालांकि, मैंने हमेशा कठिन मेहनत, ईमानदारी और समर्पण में विश्वास किया है।"
उन्होंने यह भी कहा, "मैंने जिन पदों से इस्तीफा दिया, वे निम्नलिखित थे-
- सदस्य, इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी (2019–2022)
- अध्यक्ष, इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन (2016–2022)
- अध्यक्ष, भारतीय ओलंपिक संघ (2017–2022)
- अध्यक्ष, राष्ट्रमंडल खेल संघ इंडिया (2017–2022)
"एक साथ चारों पद संभाला"
उन्होंने आगे कहा, "मैं दुनिया में अकेला व्यक्ति था जिसने इन चारों पदों को एक साथ संभाला, यह एक सम्मान और जिम्मेदारी थी जिसे मैंने भारतीय होने के नाते पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता से निभाया।" नरिंदर ध्रुव बत्रा ने भारतीय खेलों में अपने योगदान पर कहा, "टोक्यो ओलंपिक में 41 साल बाद हॉकी में भारत की कांस्य पदक जीत, देश का 32 खेलों में से 18 खेलों में भागीदारी और ऐतिहासिक 7 पदक प्राप्त करना कोई संयोग नहीं था। यह सभी योजनाओं, रणनीतिक क्रियान्वयन और सभी संबंधित पक्षों के सहयोग का परिणाम था।" उन्होंने आगे बताया, "2009 से 2022 तक, मैंने भारतीय खेलों को आगे बढ़ाने के लिए हर दिन 18 घंटे काम किया। इस अवधि के दौरान जो हासिल हुआ, उस पर मुझे बहुत गर्व है।"
पीएम मोदी की तारीफ
बत्रा ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा, "मैं आभारी हूं कि इस समय भारत को एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला, जो खेलों को महत्व देते हैं, खिलाड़ियों की भलाई को प्राथमिकता देते हैं और खेलों के लिए विश्व स्तरीय अवसंरचना बनाने के लिए काम कर रहे हैं। मैं उनकी दूरदर्शिता और समर्पण को सलाम करता हूं।"
उन्होंने कहा, "जैसा कि मैंने शुरू में कहा था, मैं किसी के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं रखता। मेरा मानना है कि नियति का अपना रास्ता होता है और मैं अपनी नियति को विनम्रता से स्वीकार करता हूं। भगवान उन लोगों को आशीर्वाद दें जिन्होंने मेरा समर्थन किया है और वह उन लोगों को भी आशीर्वाद दें जिन्होंने मेरा विरोध किया और मुझे हटाने के लिए काम किया।"