Former Chief Minister Mehbooba Mufti Birthday Special: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती आज अपना जन्मदिन मना रही है। महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर की सबसे दमदार राजनेताओं में से एक है। महबूबा मुफ्ती के पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद के बाद जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी ने बतौर नए उम्मीदवार के रूप में महबूबा मुफ्ती के नाम का चयन किया था। भाजपा संग हुए गठबंधन के दौरन महबूबा मुफ्ती बतौर मुख्यमंत्री चुनी गई थीं। बता दें कि साल 2016 से 2018 तक महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री रहीं। साल 2018 में गठबंधन टूट जाने के बाद राज्य में सरकार गिर गई। बता दें कि महबूबा मुफ्ती आज अपना 64वां जन्मदिन मना रही हैं। इसी लेख में हम आपको महबूबा मुफ्ती के बारे में बताने वाले हैं।
महबूबा मुफ्ती का जीवन परिचय
22 मई 1959 को महबूबा मुफ्ती का जन्म कश्मीर के अनंतनाग जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम मोहम्मद मुफ्ती सैयद था और माता का नाम गुलशन नजीर है। बता दें कि महबूबा मुफ्ती कश्मीर के एक जाने-माने राजनीतिक परिवार से आती हैं। उनके पिता जब देश के केंद्रीय गृहमंत्री थे उस दौरान साल 1989 में आतंकवादियों द्वारा एक विमान को हाइजैक कर लिया गया था। इसके बदले आतंकियों ने एक कुख्यात आतंकी को रिहा करने की मांग की थी। बता दें कि इन यात्रियों में महबूबा मुफ्ती की बहन रुबिया भी शामिल थीं।
महबूबा मुफ्ती पढ़ाई
महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की है। यहां से उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई की है। हालांकि अपने पिता के निधन के बाद उन्होंने पीडीपी की कमान संभाली और एक्टिव पॉलिटिक्स में आ गईं। महबूबा मुफ्ती का अपने पति से बहुत पहले तलाक हो चुका है। बता दें कि महबूबा मुफ्ती की दो बेटियां हैं जिनका नाम इल्तिजा और इर्तिका है।
महबूबा मुफ्ती का पॉलिटिकल करियर
महबूबा मुफ्ती ने अपनी राजनीतिक करियर कांग्रेस पार्टी के साथ शुरुआत की थी। साल 1996 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर बिजबेहर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ीं और जीत दर्ज की। साल 1999 में उन्होंने श्रीनंगर से सांसद का चुनाव लड़ा लेकिन उमर अबदुल्ला से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस पार्टी से विवाद होने के बाद उन्होंने कांग्रेस से किनारा कर पीडीपी का गठन किया। साल 2002 में राज्यसभा चुनाव के दौरान उन्होंने पहलगाम सीट से चुनाव जीता और अनंतनाग सीट से लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने 2004 और 2014 में जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 2016 में भाजपा संग पीडीपी के हुए गठबंधन में उन्हें बतौर मुख्यमंत्री चुना गया था। हालांकि साल 2018 में पीडीपी और भाजपा का गठबंधन टूट गया और राज्य में सरकार गिर गई।