Thursday, November 21, 2024
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आज इस्लामाबाद रवाना होंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर, SCO की है बैठक, क्या दुश्मन देश पाकिस्तान से भी होगी बात? जानिए सबकुछ

करीब 9 सालों बाद कोई भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान जा रहा है। इसके पहले दिसंबर 2015 में सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं। अगस्त में पाकिस्तान ने पीएम मोदी को एससीओ शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया था।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Updated on: October 15, 2024 9:42 IST
विदेश मंत्री एस जयंशकर और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO विदेश मंत्री एस जयंशकर और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ

पाकिस्तान और बांग्लादेश से जारी तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचेंगे। ये कई साल बाद भारत की ओर से पहली उच्च स्तरीय यात्रा होगी। इस्लामाबाद पहुंचने के तुरंत बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर के एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ की ओर से आयोजित भोज समारोह में शामिल होने की संभावना है।

9 सालों बाद भारतीय विदेश मंत्री की पाक यात्रा

दोनों पक्ष पहले ही एससीओ शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के इतर जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच किसी भी द्विपक्षीय वार्ता से इनकार कर चुके हैं। तकरीबन 9 साल बाद यह पहली बार होगा कि भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान की यात्रा करेंगे। भले ही कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध ठंडे पड़े हैं।

15-16 अक्टूबर को एससीओ बैठक

जानकारी के मुताबिक, जयशंकर 24 घंटे से भी कम समय के लिए पाकिस्तान में रहेंगे। पाकिस्तान 15 और 16 अक्टूबर को एससीओ काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक की मेजबानी कर रहा है। 

2015 में सुषमा स्वराज गईं थीं पाकिस्तान

पाकिस्तान जाने वाली आखिरी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं। वह अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिसंबर 2015 में इस्लामाबाद गई थीं। अगस्त में पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एससीओ शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया था। जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे भारत सरकार के अहम फैसले के तौर पर देखा जा रहा है।

सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता

एक कार्यक्रम में अपने हालिया संबोधन में जयशंकर ने कहा, 'किसी भी पड़ोसी की तरह भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहेगा। लेकिन सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज करने और इच्छाधारी सोच बरकरार रखने से ऐसा नहीं हो सकता।'

पुलवामा अटैक के बाद से रिश्तों में दरार

बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में भारत के युद्धक विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमला करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए। भारत ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर की विशेष शक्तियों को वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद संबंध और खराब हो गए।

अनुच्छेद 370 हटने के बाद और बिदका पाकिस्तान

अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया। भारत कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है, जबकि इस बात पर जोर देता रहा है कि इस तरह के जुड़ाव के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है।

2023 में बिलावल भुट्टो आए थे भारत

पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने मई 2023 में गोवा में एससीओ देशों के विदेश मंत्रियों की एक व्यक्तिगत बैठक में भाग लेने के लिए भारत का दौरा किया था। यह लगभग 12 सालों बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा थी।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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