तवांग में चीनी और भारतीय सेना के बीच हुई झड़प के बाद सीमा पर तनाव की स्थित बनी हुई है। वहीं, इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। राहुल के बयान पर अब विदेश मंत्री जयशंकर ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। दरअसल, राहुल गांधी ने अपने एक बयान में सेना के जवानों के लिए 'पिटाई' शब्द का इस्तेमाल कर दिया था।
अब इस बयान पर विदेश मंत्री ने लोकसभा में कहा कि हमें राजनीतिक आलोचना से कोई समस्या नहीं है लेकिन अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब मैं देखता हूं कि कौन सलाह दे रहा है तो मैं केवल झुक सकता हूं और सम्मान कर सकता हूं। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि हमारे जवानों के लिए पिटाई शब्द का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
'जवानों का सम्मान और सराहना करनी चाहिए'
जयशंकर ने कहा कि हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से अपने जवानों की आलोचना नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे जवान यांग्त्से में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर खड़े होकर हमारी सीमा की रखवाली कर रहे हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि हमें अपनी सेना के जवानों की सम्मान और उनकी सराहना करनी चाहिए।
'हम पब्लिकली क्यों कह रहे हैं कि हमारे संबंध नॉर्मल नहीं?'
एस जयशंकर ने लोकसभा में यह भी कहा कि अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो भारतीय सेना को सीमा पर किसने भेजा। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि अगर हम चीन के प्रति उदासीन थे तो आज चीन पर डी-एस्केलेशन और डिसइंगेजमेंट के लिए दबाव क्यों बना रहे हैं? हम सार्वजनिक रूप से क्यों कह रहे हैं कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं?
'सीमा पर तनाव का माहौल'
दरअसल, कुछ दिनों पहले तावांग में हुए चीनी और भारतीय सेना के बीच क्लैश के मामले पर देश में बवाल मचा हुआ है। राजनीतिक पार्टियों सरकार पर इस मुद्दे को लेकर जोरदार हमला बोल रही हैं। इसके बाद आज विदेश मंत्री ने लोकसभा में विपक्षी पार्टियों को दो टूक कही। आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में पड़ने वाले तवांग सेक्टर हई झड़प के बाद भारत-चीन सीमा पर तनाव का माहौल बना हुआ है।