उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल के धंसने के बाद 9 दिन से 41 मजदूर अंदर फंसे हुए हैं। उन्हें निकालने के लिए 200 से ज्यादा लोगों की टीम 24 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। इस बीच, सुरंग में फंसे मजदूरों को सोमवार को पहली बार खाना भेजा गया। इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया के जरिए दी। उन्होंने बताया कि फंसे मजदूरों के लिए पहली बार खिचड़ी भेजी गई।
सीएम पुष्कर सिंह धामी किया ट्वीट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों को आज 6 इंच व्यास की पाइप मलबे के आर-पार होने के बाद पहली बार खिचड़ी भेजी गई है। उन्होंने बताया कि पाइप लाइन के जरिए अब श्रमिकों तक आवश्यकतानुसार खाद्य सामग्री, दवाएं और अन्य सामान आसानी से भेजा जाएगा। बचाव कार्यों में लगी केंद्रीय एजेंसियों, एसडीआरएफ और प्रदेश प्रशासन की टीमों की ओर से अथक परिश्रम किया जा रहा है। सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने हेतु हम युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं।
अन्य जरूरी सामान भेजने की योजना
सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में फंसे मजदूरों को पाइप लाइन के जरिए रेडियो सेट, चार्जर और बैटरी के अलावा दवा, संतर और जूस भी भेजे जाने की योजना है। मजदूरों को मिली इस बड़ी राहत के बाद उनके परिवार वाले खुश हैं। वे उनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं।
12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था हादसा
बता दें कि सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हादसा हुआ था। टनल के एंट्री प्वॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी। इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए। रेस्क्यू के दौरान 16 नवंबर को टनल से और पत्थर गिरे, जिसकी वजह से मलबा कुल 70 मीटर तक फैला गया।
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