Highlights
- चारा घोटाले के पांचवें और सबसे बड़े मामले में दोषी करार दिए गए हैं लालू
- इस मामले में उनकी सजा के ऐलान के लिए कोर्ट ने 21 फरवरी की तारीख मुकर्रर की है
रांची: रूम नंबर ए-11, पेइंग वार्ड, फस्र्ट फ्लोर, राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स), रांची। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का यह नया एड्रेस है। चारा घोटाले के पांचवें और सबसे बड़े मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद वह न्यायिक हिरासत में यहां रखे गए हैं। किडनी रोग और डायबिटिज सहित कई बीमारियों से जूझ रहे 73 वर्षीय लालू प्रसाद यादव की रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने मंगलवार को दोषी करार दिया है। इस मामले में उनकी सजा के ऐलान के लिए कोर्ट ने 21 फरवरी की तारीख मुकर्रर की है, लेकिन मामले में दोषी करार दिए जाने के साथ ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
अदालत का फैसला आने के बाद लालू प्रसाद यादव ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अदालत से जमानत या न्यायिक हिरासत में रिम्स भेजने की दरख्वास्त लगाई। अदालत ने उनके मेडिकल पीटिशन को स्वीकार कर लिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में होटवार जेल भेजने और मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर रिम्स भेजने की इजाजत दे दी। इसके बाद लालू प्रसाद पहले होटवार जेल ले जाये गये। वहां कागजी प्रक्रियाएं पूरी होने और डॉक्टरों की टीम द्वारा जांच के बाद शाम लगभग साढ़े पांच बजे उन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
न्यायिक हिरासत यानी जेल लालू प्रसाद यादव के लिए कोई नई जगह नहीं रही। चारा घोटाले के सिलसिले में उन्हें 30 जुलाई 1997 को पहली बार जेल यात्रा करनी पड़ी थी। तब उन्होंने 135 दिन जेल में काटे थे। 28 अक्टूबर, 1998 को दूसरी बार 73 दिन जेल में रहना पड़ा था। तीसरी बार 5 अप्रैल 2000 को 11 दिन के लिए जेल गये थे। 28 नवंबर 2000 को आय से अधिक संपत्ति मामले में एक दिन के लिए और 3 अक्टूबर 2013 चारा घोटाले के दूसरे मामले दोषी करार दिए जाने पर 70 दिन जेल में रहे।
23 दिसंबर 2017 को चारा घोटाले से तीसरे मामले में सजा के बाद जेल गये थे। चारा घोटाले के चौथे मुकदमे में अदालत ने 24 मार्च 2018 को उन्हें दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी। इसके बाद उन्हें लगभग तीन साल तक रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल, रांची स्थित रिम्स और एम्स दिल्ली में न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा था। 17 अप्रैल 2021 को इस मामले में जमानत मिलने के बाद वह बाहर निकले थे। चारा घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद को अदालत ने कुल मिलाकर लगभग साढ़े सत्ताईस वर्षों की सजा दी है। हालांकि इन चारों मामलों में उन्हें अदालत से जमानत मिल चुकी है। अब पांचवें मामले में उनकी सजा का ऐलान आगामी 21 फरवरी को होगा।
लालू प्रसाद यादव ने रिम्स में अब तक न्यायिक हिरासत में लगभग ढाई वर्ष गुजारे हैं। इस दौरान उन्हें कभी रिम्स डायरेक्टर के बंगले में तो कभी कॉटेज नंबर 13 -14 में रखा गया था। कुछ महीने तक वह रिम्स सुपर स्पेश्यिलिटी कार्डियोलॉजी विभाग में भी रहे। बाद में उन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड के कमरा नंबर 11 में भी रखा गया था। अब मंगलवार को एक बार फिर उन्हें यही कमरा आवंटित किया गया है। उनके कमरे में टीवी, फ्रीज सहित सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
लालू प्रसाद जब तक रिम्स में रहेंगे, उन्हें इस वार्ड के लिए प्रतिदिन एक हजार रुपये के हिसाब से किराया चुकाना होगा। रिम्स में उनका इलाज मेडिसिन विभाग के डॉ विद्यापति की अगुवाई में सात डॉक्टरों की टीम करेगी। इस टीम मेंडॉ सीबी शर्मा, डॉ डी के झा, डॉ पी के भट्टाचार्य, डॉ प्रकाश, डॉ अरशद जमाल और डॉ प्रज्ञा घोष पंत शामिल हैं।
(इनपुट- एजेंसी)