चारा घोटाले में जेल में बंद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की तबीयत खराब हो गई है। उन्हें बेहतर इलाज के लिए नई दिल्ली स्थित AIIMS में भर्ती कराया जाएगा। अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। बता दें, अभी लालू यादव RIMS में भर्ती हैं, लेकिन लगातार खराब होती तबीयत को देखते हुए मेडिकल बोर्ड ने उन्हें AIIMS रेफर कर दिया है।
अधिकारियों ने न्यूज़ एजेंसी 'PTI' को बताया कि मंगलवार तक लालू प्रसाद यादव को दिल्ली लाया जा सकता है। लालू प्रसाद यादव का इलाज करवाने के लिए बनी सात सदस्यों की टीम के हेड डॉक्टर विद्यापति ने 'PTI' को कहा, 'मेडिकल बोर्ड ने लालू यादव को लगातार बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए AIIMS रेफर कर दिया है। हमने जेल सुप्रीटेंडेंट को इसकी अनुशंसा भेज दी है।'
रांची की कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले के पांचवे मामले में दोषी पाने के बाद 5 साल जेल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा उन पर 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। इससे पहले भी चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को सजा हो चुकी है। इससे पहले वह जमानत पर बाहर थे। ऐसे में पांचवे मामले में आए फैसले ने उनकी मुश्किलें एक बार फिर बढ़ा दी थीं।
कब हुआ था सबसे पहले केस दर्ज?
1996 में इस मामले सबसे पहले केस दर्ज हुआ था। 4 केस में लालू को पहले ही सजा हो चुकी है। 1990 से 1992 के बीच 139.35 करोड़ रुपए की निकासी की गई थी। इसमें कई सरकारी गवाह भी हैं। 24 अभियुक्त बरी किये गए हैं। सीबीआई की अदालत ने लालू समेत मामले से जुड़े 99 अभियुक्तों सशरीर अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया था। अभियुक्तों में दस महिलाएं भी शामिल हैं।
डोरंडा कोषागार से हुई अवैध निकासी के मामले में शुरू में कुल 170 आरोपित थे, इनमें 55 आरोपितों की मौत हो चुकी है। फिलहाल ट्रायल में 99 लोग शामिल हैं। इनमें को 24 को बरी कर दिया गया है। साक्ष्य व गवाह के अभाव में इन्हें बरी करार दिया गया है। बरी लोगों में दीनानाथ सहाय, एनुल हक, राजेंद्र पांडेय, साकेत शामिल हैं।