Highlights
- चारा घोटाला के पांचवें केस में लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया
- रांची की विशेष अदालत ने डोरंडा ट्रेजरी घोटाले में दोषी करार दिया है
- कोर्ट इस मामले पर 18 फरवरी को सजा सुनाएगा
चारा घोटाले के पांचवे केस में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया है। रांची की विशेष अदालत ने डोरंडा ट्रेजरी घोटाले में दोषी करार दिया है। पूरा परिवार रांची स्पेशल कोर्ट पहुंचा हुआ है। कोर्ट इस मामले में 21 फरवरी को फैसला सुनाएगा। 3 साल से कम सजा होगी तो निचली अदालत में जमानत के लिए अर्जी दी जाएगी। अगर इससे ज्यादा सजा होगी तो हाईकोर्ट जाना होगा। लालू प्रसाद के वकील ने बताया कि रांची में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने जेल अधिकारियों को लालू प्रसाद यादव को RIMS भेजने के आदेश दे दिए हैं। ये आदेश उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुए दिया गया है।
लालू यादव को कोर्ट से जेल ले जाया जाएगा। 21 तारीख को ये साफ होगा कि उन्हें कितने साल की सजा हुई है। आगे की कार्रवाई उनके वकील करेंगे। फिलहाल अभी तो उन्हें जेल जाना होगा। राची की बिरसा मुंडा जेल में लालू को ले जाया जाएगा। 1996 में इस मामले सबसे पहले केस दर्ज हुआ था। 4 केस में लालू को पहले ही सजा हो चुकी है। 1990 से 1992 के बीच 139.35 करोड़ रुपए की निकासी की गई थी। इसमें कई सरकारी गवाह भी हैं।
24 अभियुक्त बरी किये गए हैं। सीबीआई की अदालत ने लालू समेत मामले से जुड़े 99 अभियुक्तों सशरीर अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया था। अभियुक्तों में दस महिलाएं भी शामिल हैं। डोरंडा कोषागार से हुई अवैध निकासी के मामले में शुरू में कुल 170 आरोपित थे, इनमें 55 आरोपितों की मौत हो चुकी है। फिलहाल ट्रायल में 99 लोग शामिल हैं। इनमें को 24 को बरी कर दिया गया है। साक्ष्य व गवाह के अभाव में इन्हें बरी करार दिया गया है। बरी लोगों में दीनानाथ सहाय, एनुल हक, राजेंद्र पांडेय, साकेत शामिल हैं।
लालू प्रसाद के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, तत्कालीन लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष ध्रुव भगत, पशुपालन सचिव बेक जूलियस और पशुपालन सहायक निदेशक डॉ के एम प्रसाद मुख्य आरोपी हैं। 950 करोड़ रुपये का यह घोटाला अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में धोखाधड़ी कर सरकारी खजाने से सार्वजनिक धन की निकासी से संबंधित है। राजद सुप्रीमो को चारा घोटाला मामले में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है और कुल 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
उन्हें दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से जुड़े चार मामलों में जमानत मिल गई है। चारा घोटाला मामला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया। सीबीआई ने जून 1997 में प्रसाद को एक आरोपी के रूप में नामित किया। एजेंसी ने प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ आरोप तय किए।
सितंबर 2013 में निचली अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में प्रसाद, मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया और प्रसाद को रांची जेल भेज दिया गया। दिसंबर 2013 में उच्चतम न्यायालय ने मामले में प्रसाद को जमानत दे दी, जबकि दिसंबर 2017 में सीबीआई अदालत ने उन्हें और 15 अन्य को दोषी पाया और उन्हें बिरसा मुंडा जेल भेज दिया।