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Flood in India: असम, बिहार, अरुणाचल... लिस्ट लंबी है, भारत के राज्यों में आने वाली बाढ़ और तबाही का जिम्मेदार कौन?

भारत के कई राज्यों में हर साल बाढ़ आती है, जिसके कारण यहां न केवल भारी तबाही मचती है बल्कि बड़ी संख्या में लोगों की भी मौत होती है। बाढ़ के पीछे भारी बारिश और जलवायु परिवर्तन के अलावा कई कारण होते हैं।

Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: December 14, 2022 23:58 IST
 Flood in India- India TV Hindi
Image Source : PTI Flood in India

Highlights

  • बुनियादी ढांचे की गलत योजना भी होती है बाढ़ का कारण
  • चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी में पानी छोड़ा था, जो 5 दशक में सबसे अधिक था
  • हर साल असम जैसे राज्य बाढ़ के कारण झेलते हैं तबाही

Flood in India: भारत में जहां एक ओर लोग मानसून के आते ही खुशी से झूम उठते हैं और गर्मी से राहत महसूस करते हैं, तो वही कुछ हिस्सों में हर साल तबाही देखने को मिलती है। हाल की ही बात करें, तो भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई। असम में ही बाढ़ की वजह से हर साल लोग अपनी जान गंवाते हैं। इस साल भी यही हालात देखने को मिले हैं। बाढ़ की वजह से कम से कम 118 लोगों की मौत हुई है। बाढ़ ने 36 में से 32 जिलों को अपनी चपेट में ले लिया। साथ ही अप्रैल से अभी तक 54.5 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं। 

नागांव, होजई, कछार और दरांग में तबाही देखी गई है। साथ ही बराक घाटी में सिलचर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। दीमा-हसाओ, गोलपारा, मोरीगांव और कामरूप में भूस्खलन आया। मेघालय में भी बाढ़ ने अपना कहर दिखाया है। बिहार में भी बाढ़ जैसी स्थिति देखी गई। वहीं जम्मू कश्मीर में भी बाढ़ मानवीय और आर्थिक तबाही मचाती है। तो ऐसे में लोगों के जहन में ये सवाल जरूर उठता होगा कि इन राज्यों में ही क्यों सबसे ज्यादा बाढ़ आती है? 

असम 

19 जून तक असम में 53.4 एमएम बारिश हुई है। महज बीते महीने के पहले दो हफ्तों में ही 528.5 एमएम बारिश दर्ज हुई है। जो 109 फीसदी तक अधिक है। 

कौन से कारण हैं जिम्मेदार 

पर्यावरणविद और जलवायु परिवर्तन जोखिम विश्लेषक असम की हर साल आने वाली बाढ़ के पीछे 3 कारण बताते हैं। जलवायु परिवर्तन, निर्माण गतिविधियों की निरंतरता और तेजी से औद्योगीकरण होने के चलते मौसम की ऐसी घटनाओं में वृद्धि होना।

सरकार की प्रतिक्रिया क्या रहती है

जब हर साल बाढ़ आती है, तो सरकार की तरफ से राज्य को पूरा सहयोग दिया जाता है। राज्य को न केवल वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जाती है बल्कि राहत एवं बचाव कार्य के लिए सेना भी भेजी जाती है। बाढ़ को लेकर एनडीआरएफ का कहना है कि बाढ़ कितनी भयावह हो सकती है, ये भांपने की सुविधा कम रहती है। अब केंद्र सरकार नया फार्मूला लाने की तैयारी में है। इसका फैसला गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिया गया था। बैठक बीते महीने की शुरुआत में हुई थी। जिसमें संबंधित मंत्रालयों और विभाग के मंत्री भी मौजूद थे।

खराब प्लानिंग होना

असम में काउंसिल ऑन एनर्जी, इनवायरमेंट एंड वॉटर के प्रोग्राम लीड अभिनाष मोहंती के अनुसार, असम में बड़ी संख्या में भूस्खलन की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाले भूस्खलन से बचाव के लिए योजना नहीं बनती। नदी के ओवरफ्लो होने पर पानी को अवशोषित करने वाली नहरों का प्रबंधन और विकास नहीं हो रहा। कई वर्षों से अनियंत्रित और बिना योजना के विकास हो रहा है। शहरीकरण बढ़ रहा है, विकास योजनाओं को न तो चेक किया जा रहा और न ही उनका निष्पादन हो रहा है। जमीनी स्तर पर ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं हो रहा, जिसका प्रभाव जलवायु पर न पड़े।

बिहार

बिहार में इस साल आई बाढ़ के कारण कम से कम 33 लोगों की मौत हुई है। अगस्त 2021 में भी बाढ़ आई थी। भागलपुर जिला बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित रहा। गंगा नदी का स्तर 34.75 mts (मीटर टन सेकेंड) दर्ज किया गया, जो 2016 में 34.72 mts था। पटना के हथीदा में गंगा का एचएफएल (हाइएस्ट फ्लड लेवल) 43.33 mts दर्ज किया गया। 

खराब इन्फ्रास्ट्रक्टर को बताया वजह

बीते साल भारी बारिश के बाद मची तबाही के लिए बुनियादी ढांचे की गलत योजना को जिम्मेदार ठहराया गया। पर्यावरणविदों का कहना है कि कोसी नदी के किनारे कमजोर तटबंध, बीते साल आई बाढ़ का कारण बना था, वह खराब इंजीनियरिंग का बड़ा उदाहरण है। 

जम्मू और कश्मीर

यहां भी भारी बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं देखने को मिलती हैं। इसके पीछे का एक कारण जलवायु परिवर्तन होता है। पर्वतीय क्षेत्रों पर बहने वाली नदियां संकरे मार्क के कारण अधिक पानी वहन नहीं कर पाती हैं। जिसके कारण बारिश के बाद नदी का स्तर बढ़ जाता है और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होती है। जिसके कारण लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए भी कम समय बचता है। इससे बुनियादी ढांचा, संचार सुविधा और बिजली आपूर्ति बाधित होती है।

 
चीन भी है भारत में बाढ़ का कारण

भारत के राज्यों में आने वाली बाढ़ के पीछे का कारण काफी हद तक चीन को भी माना जाता है। 2018 की एक रिपोर्ट देखें, तो पता चलता है कि चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी में पानी छोड़ दिया था, जिसके कारण अरुणाचल प्रदेश और असम में बाढ़ को लेकर चेतावनी जारी की गई। चीन ने भारत को सूचित किया था कि सांगपो नदी का जलस्तर बढ़ गया है। जिसके बाद अरुणाचल के तीन जिलों और ऊपरी असम में चेतावनी जारी की गई थी। चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी में जो पानी छोड़ा था, वह बीते 50 साल का सबसे उच्च स्तर था। तिब्बत में नदी को सांगपो, अरुणाचल में सियांग और असम में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है।

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