Highlights
- बाढ़ से हुए नुकसान से नहीं उबर पाया तमिलनाडु
- मुख्यमंत्री ने बारिश से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया
- लोगों की मदद और राहत के लिए आदेश दिए
चेन्नई: तमिलनाडु में लोग मानसूनी बारिश के कारण आई बाढ़ से हुए नुकसान से अब भी उबर नहीं पाए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने मंगलवार को बारिश से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया और प्रभावित लोगों को सहायता वितरित की। पंपों का उपयोग करके बाढ़ के पानी को बाहर निकालने के लिए चल रहे काम के बावजूद, शहर और उपनगरीय सबवे का एक हिस्सा यातायात के लिए बंद रहा, जिसके परिणामस्वरूप यातायात के मार्ग बदलने पड़े। कई सड़कें और आंतरिक इलाके जलमग्न हैं, जिससे निवासियों और सड़क उपयोगकर्ताओं को परेशानी हो रही है। हर बार मानसून के मौसम में बाढ़ की चपेट में आने वाले अशोक नगर-पोस्टल कॉलोनी पॉइंट जैसे कई क्षेत्रों में वाहन रेंग-रेंगकर चलते दिखे। बारिश ने कई सड़कों को नुकसान पहुंचाया है और पानी में डूबे गड्ढे मोटर वाहन चालकों के लिये परेशानी का सबब बन गए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि सड़कों के क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत का काम जारी है। अधिकारियों ने कहा कि उच्च क्षमता वाले मोटर पंप का उपयोग करके यहां के 561 जल भराव वाले स्थानों में से 227 में से पानी निकाल दिया गया है और शेष क्षेत्रों से पानी निकालने का काम जारी है। मानसून की बारिश और जल-जमाव के मद्देनजर, ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन इलाकों में 15,111 चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए हैं, जिसमें 4,88,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया है। उपनगरीय पीरकंकरनई, पेरुम्बक्कम, सेमनचेरी, उरापक्कम, मुदिचुर वर्दाधराजापुरम, पट्टालम सहित शहर के कुछ इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए।
अधिकांश शहरी और उपनगरीय इलाके कई दिनों तक लगातार बारिश के कारण जलमग्न हो गए, लेकिन अब बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम होने लगा है क्योंकि यहां और अन्य उत्तरी क्षेत्रों में बारिश बंद हो गई तथा मंगलवार को धूप तेज हो गई। बहिर्वाह में वृद्धि को देखते हुए यहां की कूम नदी के तटबंध को रेत के लगभग 500 बोरे रखकर मजबूत किया गया।
चेन्नई, चेंगलपेट, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम, विल्लुपुरम, कुड्डालोर, नागापट्टिनम और मयिलादुथुराई सहित 19 जिलों के 22,000 से अधिक लोगों को 270 से अधिक राहत केंद्रों में रखा गया है। इस बीच, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने यहां जलभराव से ग्रस्त उपनगरीय सेमेनचेरी का दौरा किया और अधिकारियों को बाढ़ के पानी को तेजी से निकालने और राहत कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से बातचीत की, उनकी जरूरतें सुनीं और प्रभावित लोगों को कंबल तथा आवश्यक वस्तुओं सहित बाढ़ राहत सामग्री वितरित की।