Highlights
- उड़ान से पहले नशे में पाए गए कई पायलट
- जांच रिपोर्ट में आए हैरान करने वाले आंकड़े
- पायलटों की रिपोर्ट में उनके नशे में होने की पुष्टि
Flight News: केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि पिछले 6 महीने में उड़ान से पहले पायलटों की जांच में उनके नशे में पाये जाने के 14 मामले सामने आये हैं। नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में एस मुनिस्वामी और ए एस जोल्ले के सवाल के लिखित जवाब में कहा कि जनवरी 2022 से जून 2022 तक, कुल 14 ऐसे मामले दर्ज किये गये हैं जहां उड़ान से पहले ब्रेथ-एनलाइजर (बीए) परीक्षण में पायलटों की रिपोर्ट में उनके नशे में होने की पुष्टि हुई है।
क्या कहता है उड़ान का नियम
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में ये जानकारी दी है कि पैससेंजर विमान उड़ाने से पहले कई पायलटों ने नशा किया था। नागर विमानन मंत्री ने बताया कि इस साल जनवरी से जून के बीच कुल 14 ऐसे मामले दर्ज किये गये हैं जिनमें पायलट नशे में पाए गए। वायुयान नियम 1937 के नियम 24 और नागर विमानन अपेक्षाएं (सीएआर) के तहत संबंधित प्रावधानों के अनुसार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर विमान चालक दल के सदस्यों को मदिरा सेवन की अनुमति नहीं है।
सालभर में विमानों में तकनीकी खराबी के 478 मामले
वहीं सरकार ने इस बात की भी जानकारी दी कि पिछले साल एक जुलाई से इस साल 30 जून तक विमानों में तकनीकी खराबी के कुल 478 मामले सामने आए हैं। सौगत राय के सवाल के लिखित जवाब में नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि विमानों के परिचालन के दौरान उनके पुर्जों या उपकरणों में खराबी के कारण तकनीकी कठिनाइयों का अनुभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि एक जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022 तक विमानों में तकनीकी खराबी के कुल 478 मामलों की जानकारी मिली है।
मंत्री ने कहा कि यात्रियों और विमानों की सुरक्षा के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) का एक मॉनिटरिंग सिस्टम है। उन्होंने यह भी बताया कि 2021-22 में निगरानी, मौके पर जांच और रात के समय की गयी निगरानी के दौरान पाये गये उल्लंघनों के आधार पर डीजीसीए ने उल्लंघनों के 21 मामलों में जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की है जिनमें लाइसेंस रद्द करना, कर्मी को पद से हटाना और चेतावनी पत्र जारी करना आदि शामिल है।