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भारत मंडपम में दिखे भारतीय 'पाक कला' के रंग, रजत शर्मा बोले- भारत का जायका दुनिया के कोने-कोने में फैले

फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कॉन्क्लेव में भारतीय संस्कृति, खान-पान और टिकाऊ प्रथाओं का अनोखा सामंजस्य देखने को मिला। इस कार्यक्रम में पौष्टिक और पर्यावरण के मुताबिक खाद्य विकल्प के रूप में बाजरे पर जोर दिया गया।

Reported By : Sanjay Sah Edited By : Shakti Singh Published : Dec 16, 2024 14:54 IST, Updated : Dec 16, 2024 16:11 IST
फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम में चिराग पासवान और रजत शर्मा- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम में चिराग पासवान और रजत शर्मा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान के तहत दिल्ली के भारत मंडपम में फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम का आयोजन किया गया। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की मदद से एसआरएस फाउंडेशन ने सोमवार (16 दिसंबर) को इस कार्यक्रम का आयोजन किया। इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ और चेयरमैन रजत शर्मा भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, सांसद बांसुरी स्वराज, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह सहित कई नेता पहुंचे। कार्यक्रम के बीच संगीतकार अयान अली खान को सम्मानित किया गया।

भारत का जायका दुनिया के कोने-कोने में फैले- रजत शर्मा

भारत मंडपम में एसआरएस फाउंडेशन के द्वारा आयोजित फ्लेवर आफ इंडिया सम्मेलन में इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने कहा कि भारत का जायका दुनिया के कोने-कोने में फैले हम सब की यही जिम्मेदारी है। रजत शर्मा ने खाने को लेकर अपना अनुभव साझा किया। इस दौरान उन्होंने स्वर्गीय अरुण जेटली को याद किया और बताया कि किस तरह से खाने के प्रति अरुण जेटली हमेशा उत्सुक रहते थे। रजत शर्मा ने कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के सामने उनके पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान को भी याद करते हुए बताया कि उनके साथ रिश्ते में खाना, जायका स्वाद बहुत महत्वपूर्ण था। जब तक वह जीवित रहे लगातार हम लोग थाई खाने के लिए उनके पास जाते थे। उन्हें थाई फूड बहुत पसंद था।

Rajat Sharma

Image Source : INDIA TV
फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम में रजत शर्मा

जीवन में बहुत खाने का अवसर ही नहीं मिला- रजत शर्मा

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रजत शर्मा ने कहा- "मुझे अपने जीवन में बहुत खाने का अवसर ही नहीं मिला। शुरुआती दिन में तो ऐसे हालात थे कि खाना मिल जाए तो वही बड़ी बात थी। लेकिन फ्लेवर क्या होता है, फूड क्या होता है, इसके बारे में जानकारी मुझे स्वर्गीय अरुण जेटली से मिली। दुनिया में शायद ऐसे बहुत कम लोग होंगे जो खाने के प्रति इतने पैसिव थे। खाने के बाद भी जब बात करते थे तो उनके चेहरे पर चमक आ जाती थे। उनके बहुत सारे फैसले व्यक्ति के बारे में और जगह के बारे में होते थे कि वहां खाना कैसा मिलेगा। मैं उनसे सुनता था कि चिकन विंग्स कहां मिलते हैं जबकि मैं वेजिटेरियन हूं, लेकिन मुझे सुनना पड़ता था। फिश कहां अच्छी मिलती है, छोले भटूरे सीताराम के कहां मिलते है। उन्हें एक-एक चीज का ज्ञान था और उसके बारे में बहुत बातें करते थे और फिर कभी-कभी सवाल पूछते थे।"

मेरा लुक पत्नी ने ही चेंज किया- रजत शर्मा

भारत मंडपम में आयोजित कार्यक्रम में इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने कहा- "मेरी पत्नी ऋतु और अरुण जेटली खाने को लेकर घंटों बात करते थे। इससे पता चलता है कि खाने के प्रति, जायका के प्रति,  फूड के प्रति कितना पैशन हो सकता है, कितना डिवोशन हो सकता है, इससे बॉन्डिंग कितनी जबरदस्त हो सकती है। उनके बहुत सारे इस तरह के किस्से हैं। अरुण जेटली जब पहली बार 2014 में लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए अमृतसर गए, उससे पहले लोकसभा क्षेत्र कौन सा होगा, उसमें बहुत बड़ा रोल इस बात का था कि अमृतसर से लड़ेंगे और बार-बार जाना होगा तो वहां खाना अच्छा मिलेगा। और अमृतसर के फूड को लेकर वह एक-एक घंटा बोल सकते थे।

रजत शर्मा ने कहा- "मेरी पत्नी ऋतु और अरुण जेटली कपड़ों को लेकर भी घंटों बात किया करते थे। मेरा आज जो लुक है, मेरी पत्नी ने ही चेंज किया है। मैंने देखा था कि वह दो लोग जिन्हें दुनिया में इतने सारे काम हैं जिनके ऊपर इतनी सारी जिम्मेदारियां हैं, वह कैसे फूड और फ्लेवर उनके बीच में बॉन्डिंग क्रिएट कर रहा है। और आज इस सभागार में मौजूद सभी लोगों को भी ऐसा ही बॉन्डिंग पैटर्न और ऐसा ही फ्लेवर क्रिएट करना चाहिए। मैं समझता हूं कि जो लोग अपना समय फ्लेवर्स के लिए लगाते हैं उनके प्रति हमारा सच्चा योगदान यही हो सकता है कि भारत का जायका दुनिया के कोने-कोने तक फैले और यही हम सब की जिम्मेदारी है।"

flavours of india

Image Source : INDIA TV
फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम

फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कॉन्क्लेव में भारतीय संस्कृति, खान-पान और टिकाऊ प्रथाओं का अनोखा सामंजस्य देखने को मिला। इस कार्यक्रम के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में बनने वाले व्यंजनों के बारे में सभी को जानने को मिला। इसके साथ ही स्थानीय चीजों को बड़ा मंच मिला, जिससे उनकी लोकप्रियता भी बढ़ी।

flavours of india

Image Source : INDIA TV
फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम

बाजरे पर जोर

इस कार्यक्रम में बाजरे पर काफी चर्चा हुई। पौष्टिक और पर्यावरण के मुताबिक खाद्य विकल्प के रूप में बाजरे पर जोर दिया गया। बाजरे से मिलने वाले फायदों के बारे में बताते हुए इसे मुख्य खाद्य पदार्थ के रूप में दैनिक आहार और ग्लोबल मार्केट्स में फिर से शामिल करने की बात कही गई। रणवीर बरार और हरपाल एस. सोखी सहित प्रसिद्ध शेफ ने क्षेत्रीय भारतीय व्यंजनों पर आधारित नए व्यंजन पेश किए, जिनमें पारंपरिक तरीके और नई तकनीक का मेल था। इस प्रोग्राम में पारंपरिक शिल्पों की प्रदर्शनी भी हुई, जिससे कारीगरों, सांस्कृतिक व्यवसायियों और खाद्य उद्योग के बीच संबंधों को बढ़ावा मिला।

Rajat sharma

Image Source : INDIA TV
फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम में रजत शर्मा

स्थानीय खान-पान को बढ़ावा

फ्लेवर्स ऑफ इंडिया कार्यक्रम बदलते समय के हिसाब से खान-पान में बदलाव और लोगों की जरूरतों को पूरा करने पर जोर देता है। इसके जरिए स्थानीय व्यंजन, पाक कला और अन्य स्थानीय चीजों को बढ़ावा मिलता है। इसके साथ ही बदलते समय के साथ लोगों के खान-पान की जरूरतें पूरी करने के लिए नए समाधान भी मिलते हैं। इससे कलाकारों और बिजनेसमैन के बीच एक संपर्क स्थापित होता है, जो दोनों के लिए फायदेमंद होता है। यह मंच लोगों की बदलती जरूरतों के हिसाब से खान-पान की दुकानों और व्यवसाय में बदलाव के लिए भी मार्गदर्शन प्रदान करता है।

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