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First Monkeypox Case in India: भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल में, UAE से लौटे शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव

First Monkeypox Case in India: केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि विदेश से राज्य में लौटे एक 35 वर्षीय एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में व्यक्ति में मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई।

Published : Jul 14, 2022 22:21 IST, Updated : Jul 15, 2022 6:36 IST
Monkeypox
Image Source : FILE PHOTO Monkeypox

Highlights

  • 35 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद अस्पताल में भर्ती
  • मरीज तीन दिन पहले ही UAE से केरल के कोल्लम पहुंचा है
  • मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में मंकीपॉक्स सबसे आम

First Monkeypox Case in India: देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला केरल में सामने आने के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति से निपटने में अधिकारियों का सहयोग करने के लिए गुरुवार को राज्य में एक हाई लेवल टीम भेजी है। इससे पहले, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि विदेश से राज्य में लौटे एक 35 साल के एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में व्यक्ति में मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि हुई। बता दें कि मरीज तीन दिन पहले ही संयुक्त अरब अमीरत (UAE) से केरल के कोल्लम पहुंचा है।

केंद्र ने केरल भेजी हाई लेवल टीम

केरल भेजी गई केंद्रीय टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली के विशेषज्ञों और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ क्षेत्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण कार्यालय, केरल के विशेषज्ञ हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक पत्र में कहा गया है, ‘‘केरल के कोल्लम जिले में मंकीपॉक्स के एक मामले की पुष्टि के मद्देनजर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीमारी की जांच में केरल सरकार का सहयोग करने और आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के लिए एक केंद्रीय टीम को भेजने का निर्णय लिया है।’’ अधिकारियों ने कहा कि टीम राज्य के स्वास्थ्य विभागों के साथ मिलकर काम करेगी और जमीनी स्थिति का जायजा लेगी और स्वास्थ्य क्षेत्र में उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों की सिफारिश करेगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी करके और राज्यों के साथ समन्वय करके सक्रिय कदम उठा रही है।’’ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार मंकीपॉक्स वायरल जूनोसिस है (जानवरों से इंसानों में प्रसारित होने वाला वायरस), जिसमें चेचक के समान लक्षण होते हैं। हालांकि चिकित्सकीय दृष्टि से यह कम गंभीर है।

इन अफ्रीकी देशों में आम है यह वायरस
मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में मंकीपॉक्स वायरस सबसे आम है। लेकिन यूरोप और अमेरिका में भी इसके फैलने की खबरें पिछले दिनों आई है। दरअसल, यह स्मॉलपॉक्स की तरह ही एक वायरल इन्फेक्शन है जो चूहों और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है। अगर कोई जानवर इस वायरस से संक्रमित है और इंसान उसके संपर्क में आता है तो संभावना है कि उसे भी मंकीपॉक्स हो जाए।

क्या है मंकीपॉक्स, कैसे होते हैं लक्षण
मंकीपॉक्स देखने में चेचक का बड़ा रूप लगता है, इसमें लगभग लक्षण भी वहीं हैं। हालांकि यह बीमारी आमतौर पर हल्की होती है। डब्ल्यूएचओ की मानें तो मंकीपॉक्स के लक्षण 6 से 13 दिन में दिखने लगते हैं। इसमें बुखार, तेज सिरदर्द, पीठ और मांसपेशियों में दर्द के साथ गंभीर कमजोरी शामिल है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर बड़े-बड़े दाने निकल आते हैं। गंभीर स्थिति में ये दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसका सही इलाज तो अभी नहीं हैं, लेकिन चूंकि यह चेचक का ही बड़ा स्वरूप लगता है, इसलिए चेचक की वैक्सीन को मंकीपॉक्स के खिलाफ असरदार माना जाता है।

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