जम्मू: हर साल होने वाली ऐतिहासिक बाबा अमरनाथ की पवित्र यात्रा इस बार जुलाई में शुरू होने जा रही है, जिस का देश भर में मौजूद अनगिनत भक्तों को बेसबरी से इंतजार रहता है। वहीं आज यानी 30 जून को जम्मू के भगवती नगर से पहल जत्था आधार शिवर बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना होगा जबकि शनिवार सुबह सभी श्रद्धालु पवित्र गुफा के लिए अपनी यात्रा का शुभारंभ करेंगे।
पंजीकरण के लिए भक्तों की लगी लंबी कतारें
देशभर से सैकड़ों की संख्या में भोले बाबा के भक्त जम्मू पहुंच रहे हैं। ऐसे में सभी के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। जिन श्रद्धालुओं का पंजीकरण नहीं हुआ है, उनके लिए शहर में तुरंत पंजीकरण की व्यवस्था की गई है, जिस का लाभ श्रद्धालु ले सकते हैं। पंजीकरण करवाने के लिए अलग-अलग जगहों पर टोकन लेने के लिए श्रद्धालु लंबी कतारों में सुबह से ही जुट गए हैं। यह सब देख भक्तों के बीच दर्शनों का उत्साह देखते ही बन रहा है और हर जगह बम बम भोले और जय बाबा बर्फानी के जयकारों से शहर गूंज रहा है।
अमरनाथ की गुफा के लिए पहलगाम और बालटाल से है रास्ता
बता दें कि श्री बाबा अमरनाथ जी की गुफा में पहुंचने के लिए मार्ग पहला मार्ग पहलगाम और दूसरा मार्ग बालटाल है। अगर कथा और पुराणों की बात की जाए तो पहलगाम के मार्ग का उसमें जिक्र किया गया है, जबकि बालटाल का रास्ता काफी आसान है और जो यात्री लंबे समय तक नहीं चल पाते, वह अधिकतर बालटाल का रास्ता अपनाते हैं।
रिकॉर्ड तोड़ हो सकती है इस बार की यात्रा
अधिकारिक सूत्रों की बात करें तो इस बार अभी तक तीन लाख के करीब यात्रियों ने अपना पंजीकरण करवाया है, जबकि अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि इस बार यात्रा रिकॉर्ड तोड़ हो सकती है। अगर साल 2022 की बात करें तो उस समय केवल 44 दिन की यात्रा थी जबकि 20 दिन खराब मौसम के चलते यात्रा काफी ज्यादा प्रभावित भी हुई थी।
इस बार यात्रियों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था
इस बार जम्मू कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर से कश्मीर तक अलग-अलग स्थानों पर आपात स्थिति में यात्रियों को रहने के लिए अतिरिक्त व्यवस्था मुहैया करवाई जाएगी। जिला रामबन के चंदरकोट में 3600 क्षमता वाला यात्री निवास स्थापित किया गया है, क्योंकि इस साल रिकॉर्ड 62 दिन की अमरनाथ यात्रा से जुड़े होटल, टैक्सी ऑपरेटर, ड्राई फ्रूट्स आदि व्यवसाय में तेजी आने की उम्मीद है और व्यापारी वर्ग भी खुश है।
सुरक्षा के भी बंदोबस्त पूरे
जम्मू के भगवती नगर में प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं के लिए कई बंदोबस्त किए गए हैं, जिसमें लंगर से लेकर अन्य सुविधाएं शामिल हैं। वहीं सुरक्षा की बात करें तो जम्मू कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ समेत अन्य सुरक्षा दस्तों को तैनात किया गया है और बेस कैंप के आस-पास के इलाकों को खंगाला जा रहा है।
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