जगदलपुर(छत्तीसगढ़): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि देश में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई जीत के अंतिम चरण में नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई को अंतिम चरण तक लाने में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों के सर्वोच्च बलिदान का बहुत बड़ा योगदान है। CRPF के 84वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने बल से अनुरोध किया कि जब तक इस खतरे का पूरी तरह से सफाया नहीं हो जाता वे वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई बहादुरी से जारी रखें।
‘CRPF कर्मियों को जाता है बाधाएं दूर करने का श्रेय’
नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में CRPF की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने का श्रेय CRPF कर्मियों को जाता है। शाह ने कहा, ‘CRPF ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी और सभी मोर्चों पर सफलता हासिल की। बल ने स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर संगठनात्मक कौशल का भी उदाहरण पेश किया है।’ उन्होंने कहा कि 2010 की तुलना में देश में वामपंथी उग्रवादी हिंसा की घटनाओं में 76 फीसदी की कमी आई है और साथ ही जन हानि (आम लोग और सुरक्षा कर्मी) में भी 78 प्रतिशत की कमी आई है।
‘उग्रवाद की फंडिंग को सख्ती रोक रहीं ED और NIA’
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रोल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों एजेंसियां वामपंथी उग्रवाद की फंडिंग को रोकने के लिए सख्ती से काम कर रही हैं। शाह ने कहा कि CRPF का वार्षिक उत्सव पहली बार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है और यह भी छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में। बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित CRPF कोबरा की 201वीं बटालियन के करनपुर शिविर में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
बस्तर संभाग के 7 जिलों में फैला है वामपंथी उग्रवाद
पिछले 3 दशकों से वामपंथी उग्रवाद से संघर्ष कर रहे बस्तर संभाग में कुल 7 जिले शामिल हैं जिनमें बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर हैं। CRPF के जवानों को बड़ी संख्या में दक्षिण बस्तर क्षेत्र में तैनात किया गया है, जिसमें सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले शामिल हैं। यहां CRPF के नेतृत्व में सुरक्षा कर्मियों ने कई बड़े माओवादी हमलों में जवाबी कार्रवाई की है।