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किसान आंदोलन खत्म होने की घोषणा के बाद यात्रियों को राहत मिलने की उम्मीद

चालीस किसान संघों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन निलंबित करने का बृहस्पतिवार को निर्णय लिया और घोषणा की कि किसान 11 दिसंबर से अपने घरों की ओर लौटने लगेंगे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 09, 2021 19:45 IST
Farmers protest suspension: Commuters to get relief from traffic woes- India TV Hindi
Image Source : PTI एक साल से अधिक समय से बंद पड़ीं सड़कें फिर से खुलने का रास्ता साफ हो गया है।

Highlights

  • कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवंबर में आंदोलनकारी किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठ गए थे।
  • इन कृषि कानूनों को अब रद्द किया जा चुका है।
  • किसान 11 दिसंबर से अपने घरों की ओर लौटने लगेंगे।

नयी दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर धरना स्थल खाली करने की किसानों की घोषणा के बाद एक साल से अधिक समय से बंद पड़ीं सड़कें फिर से खुलने का रास्ता साफ हो गया है। इससे यात्रियों की बड़ी राहत मिलेगी और उनकी यातायात संबंधी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल नवंबर में आंदोलनकारी किसान दिल्ली की सीमाओं टीकरी, सिंघू और गाजीपुर में धरने पर बैठ गए थे, जिससे दिल्ली से गाजियाबाद, नोएडा और हरियाणा जाने या वहां से दिल्ली आने वाले यात्रियों को सड़कें बंद होने या उनका मार्ग बदले जाने के चलते मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इन कृषि कानूनों को अब रद्द किया जा चुका है। 

चालीस किसान संघों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन निलंबित करने का बृहस्पतिवार को निर्णय लिया और घोषणा की कि किसान 11 दिसंबर से अपने घरों की ओर लौटने लगेंगे। नियमित रूप से हरियाणा के रेवाड़ी और दिल्ली के बीच यात्रा करने वाली सुमन राठौड़ ने कहा, ''तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की सरकार की घोषणा के बाद, मैंने सोचा था कि किसान अपना आंदोलन समाप्त कर देंगे, लेकिन उन्होंने इसे जारी रखा। आज की उनकी घोषणा से मेरे जैसे कई यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी, जो गंभीर परेशानियों का सामना कर रहे हैं।''

नोएडा एक्सटेंशन में रहने वाली नीति रस्तोगी काम के लिए दिल्ली आती हैं। उन्होंने कहा, ''विरोध प्रदर्शन शुरू होने से पहले मैं अपने कार्यालय पहुंचने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से सफर करती थी। प्रदर्शनकारियों द्वारा सीमा पर डेरा जमाने के बाद, मैंने कार्यालय जाने के लिये मेट्रो ट्रेन में यात्रा शुरू कर दी। हालांकि इससे मुझे अधिक समय लगता है और कोरोना वायरस की चपेट में आने का भी डर रहता है।'' 

नोएडा और दिल्ली के बीच नियमित रूप से यात्रा करने वाले विप्लव त्रिपाठी ने बताया कि वह प्रतिदिन अपनी कार से कार्यालय जाते हैं। सड़क बंद होने के कारण उनके आने-जाने का समय 45 मिनट और बढ़ गया। उन्होंने कहा, ''नोएडा-मेरठ एक्सप्रेसवे का उपयोग करके मैं एक घंटे में अपने कार्यालय पहुंच सकता हूं, लेकिन नोएडा से गुजरने और सुबह के समय ट्रैफिक के चलते मैं देर से कार्यालय पहुंचता और वहां से लौटता हूं।''

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