Monday, December 02, 2024
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Farmers Protest LIVE: किसानों ने एक्सप्रेस वे किया बंद, 10 प्वाइंट्स में जानें क्यों कर रहे विरोध, क्या है डिमांड?

अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर से किसानों का समूह आज दिल्ली कूच करने वाला है। क्या हैं इनकी मांगें और किसानों ने क्यों विरोध प्रदर्शन करने की ठानी है, जानिए 10 प्वाइंट्स में-

Edited By: Kajal Kumari @lallkajal
Published : Dec 02, 2024 10:06 IST, Updated : Dec 02, 2024 12:45 IST
farmers protest in delhi- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO दिल्ली में फिर से किसानों का विरोध प्रदर्शन

भारतीय किसान परिषद, किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा समेत कई अन्य संगठनों के बैनर तले एक बार फिर से किसान आज दिल्ली कूच करेंगे। किसान अपनी पांच प्रमुख मांगों को लेकर सोमवार को संसद परिसर की ओर मार्च करेंगे, जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और कई रूट बदल दिए गए हैं। किसानों का मार्च आज दोपहर 12 बजे महामाया फ्लाईओवर के पास से शुरू होगा और पैदल और ट्रैक्टरों पर बैठकर  किसानों का विशाल समूह आज दिल्ली की ओर बढ़ेगा। 

दिल्ली कूच करने को तैयार किसान, देखें वीडियो

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किसानों ने नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पूरा बंद किया। महामाया फ्लाईओवर के नीचे पूरा एक्सप्रेस वे बंद हुआ।

महामाया फ्लाईओवर तक पहुंचे किसान, अब दिल्ली की तरफ कर रहे हैं कूच।

एसीपी अरविंद कुमार ने कहा, यमुना ऑथिरिटी के गेट पर पुलिस ट्रैक्टर रोकने की कोशिश कर रही है। किसान ट्रैक्टर लेकर जाना चाहते हैं। 

ग्रेटर नोएडा यमुना प्राधिकरण से ट्रैक्टर ट्राली लेकर निकले किसान, पुलिस ने किया रोकने का प्रयास, नहीं रुके किसान हल्ला बोल करते हुए नोएडा महामाया फ्लाईओवर के लिए निकले।

महामाया फ्लाईओवर के नीचे एकजुट होंगे किसान, हर तरफ रखी जा रही है निगरानी, अर्ध सैनिक बल पुलिस बल के साथ कमांडोज भी तैनात किए गए हैं।

किसानों ने ट्रैक्टर यमुना ऑथिरिटी के गेट पर लाइन से लगा दिए हैं, गेट पर काफी संख्या में पुलिस मौजूद है। किसानों का कहना है दिल्ली जाएंगे, पुलिस किसानों को समझा रही है।

किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, "सरकार किसानों की बात सुनने और उनसे बात करने के लिए तैयार है। पिछली बार भी सरकार ने बिना किसी शर्त के उन कानूनों को वापस ले लिया था जिन पर उन्हें आपत्ति थी। इससे सरकार की मंशा का पता चलता है कि केंद्र में हमारी एनडीए पूरी तरह से किसानों की भावनाओं के साथ काम करने की कोशिश कर रही है। सरकार ने बातचीत का रास्ता खुला रखा है, मुझे लगता है कि पहले बातचीत होनी चाहिए।"

यमुना ऑथिरिटी पर 10,15 किसान और 10 के करीब ट्रेक्टर है। 11 बजे समय था दिल्ली निकलने का पर अभी कम लोग हैं।

नोएडा के अडिशनल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) शिवहरि मीना का कहना है कि 4,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है, तीन स्तरीय सुरक्षा है।

 कुछ किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है, मीना ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर किसानों को दिल्ली नहीं जाने देंगे।

मीना ने कहा कि लगभग 5 हजार कर्मचारी विभिन्न रास्तों पर चैकिंग कर रहे हैं। ट्रैफिक मैनेजमेंट भी किया जा रहा है। 1000 के करीब PAC के जवान तैनात हैं। इसके अतिरिक्त वाटर कैनन, टियर गैस स्क्वाड और अन्य अनुशासनिक शाखाएं सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात हैं।

दिल्ली जाने वाले रास्तों पर भारी जाम लग गया है, किसान दिल्ली कूच पर अडे हैं।

दिल्ली-नोएडा और चिल्ला बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस मुस्तैद की गई है।

आखिर क्या हैं इनकी मांगे, क्यों कर रहे विरोध प्रदर्शन, जानें 10 प्वाइंट्स में

  1. एक दिन पहले ही किसानों और प्रशासन के बीच हाईलेवल मीटिंग हुई थी। किसानों का कहना है कि अधिकारियों ने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है।
     
  2. भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) नेता सुखबीर खलीफा ने रविवार को घोषणा की थी कि संसद परिसर तक मार्च नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की मांग को लेकर सोमवार 2 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से विरोध प्रदर्शन करेंगे। 
     
  3. आंदोलन करने वाले किसान संगठन जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 10 फीसदी विकसित प्लॉट और नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ देने की मांग उठा रहे हैं।
     
  4. किसानों की पांच मांगे हैं जिसमें पुराने अधिग्रहण कानून के तहत 10 प्रतिशत भूखंडों का आवंटन और 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए।
     
  5.  भूमिधर, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास के लाभ दिए जाएं।
     
  6. हाई पावर कमेटी की सिफारिशें लागू की जाएं।
     
  7. आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाए. ये सारे निर्णय शासन स्तर पर लिए जाने हैं।
     
  8. किसानों को रोजगार एवं पुनर्वास का लाभ दिया जाए।
     
  9. हाई पावर कमेटी द्वारा पारित मुद्दों पर शासनादेश जारी किया जाए और आबादी वाले क्षेत्रों का उचित बंदोबस्त किया जाए।
     
  10. 27 नवंबर को किसान ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर धरना दे रहे थे, जबकि 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना अथॉरिटी पर धरना दे रहे थे। किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा जैसे अन्य किसान समूह भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी जैसी मांगों के लिए दबाव डालते हुए 6 दिसंबर से मार्च आयोजित कर रहे हैं।

 

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