शंभू बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का मामला सुप्रीम कोर्ट में है और आज इस मामले में सुनवाई भी होनी है। कोर्ट में इस मामले को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी जिसमें शंभू बॉर्डर सहित सभी हाईवे को खोलने और प्रदर्शनकारियों को हाईवे से हटाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में जो जनहित याचिका दायर की गई है उसमें पंजाब में राष्ट्रीय और राज्य के राजमार्गों की रुकावट को तुरंत दूर करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य के विभिन्न स्थानों पर किसानों और किसान यूनियनों ने अवैध रूप से अतिक्रमण करते हुए मार्गों को अवरुद्ध कर रखा है।
आगे की रणनीति पर प्रदर्शनकारी किसान करेंगे मीटिंग
वहीं, आपको बता दें कि शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने फिलहाल अपना दिल्ली मार्च स्थगित कर दिया है। आज प्रदर्शनकारी किसान आगे की रणनीति पर मीटिंग करेंगे और अपना प्लान बताएंगे। किसानों का कहना है कि 8 दिसंबर को हुए प्रदर्शन में पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां बरसाईं, जिसमें 6-8 किसान घायल हो गए और एक घायल को पीजीआई, चंडीगढ़ रेफर किया गया है।
किसानों का दिल्ली कूच का दूसरा प्रयास भी विफल
शंभू बॉर्डर से किसानों द्वारा दिल्ली की तरफ पैदल कूच की दूसरी कोशिश को भी रविवार को विफल कर दिया गया। जैसे ही पंजाब की तरफ से 101 किसानों का जत्था पैदल दिल्ली की तरफ रवाना हुआ तो वहीं हरियाणा बॉर्डर पर तैनात सुरक्षा बलों ने पहले किसानों का स्वागत करते हुए उन्हें चाय, बिस्किट पूछा फिर पुलिस ने किसानों पर फूल बरसाए और उन्हें दोबारा वापस लौट जाने की अपील की। जब किसान नहीं माने तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले फेंके। इस दौरान चार किसान घायल हुए जिसके बाद किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला आगामी आदेश तक टाल दिया और वापस चले गए।
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