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तमिलनाडु के किसानों ने मुंह में मरे हुए चूहे रखकर किया कर्नाटक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, सामने आया VIDEO

तमिलनाडु और कर्नाटक कावेरी जल विवाद को लेकर एक बार फिर आमने सामने हैं। इस बीच तमिलनाडु के किसानों के एक समूह ने तिरुचिरापल्ली में अपने मुंह में मरे हुए चूहे रखकर विरोध प्रदर्शन किया है।

Written By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: September 26, 2023 12:28 IST
Farmers- India TV Hindi
Image Source : ANI प्रदर्शन करते किसान

तिरुचिरापल्ली: कावेरी जल विवाद को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक एक बार फिर आमने सामने हैं। इस मुद्दे को लेकर किसान संगठनों ने बेंगलुरु बंद बुलाया है। वहीं तिरुचिरापल्ली में तमिलनाडु के किसानों के एक समूह ने अपने मुंह में मरे हुए चूहे रखकर कर्नाटक सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कर्नाटक से राज्य के लिए कावेरी का पानी छोड़ने की मांग की। 

क्या है कावेरी विवाद?

कावेरी जल विवाद दरअसल दो राज्यों के बीच है। कर्नाटक और तमिलनाडु के लोग इस मुद्दे को लेकर आमने सामने हैं। इसके तार साल 1892 और 1924 से जुड़े माने जा सकते हैं, जब मद्रास प्रेसीडेंसी और मैसूर साम्राज्य के बीच दो समझौते हुए थे। दरअसल केंद्र ने तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और पुडुचेरी के बीच जल बंटवारे की क्षमता पर जो असहमति थी, उन्हें दूर करने की कोशिश की और जून 1990 में कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण (सीडब्ल्यूडीटी) की स्थापना की।

सुप्रीम कोर्ट ने इस पर साल 2018 में फैसला भी सुनाया और बताया कि कर्नाटक को कितना पानी रखना चाहिए और तमिलनाडु को कितना पानी दिया जाना चाहिए। उस फैसले के मुताबिक, कर्नाटक को जून और मई के बीच ‘सामान्य’ जल वर्ष में तमिलनाडु को 177.25 टीएमसी आवंटित करना होगा।

इस साल, कर्नाटक को जून से सितंबर तक कुल 123.14 टीएमसी देना था लेकिन अगस्त में तमिलनाडु ने 15 दिनों के लिए 15,000 क्यूसेक पानी की मांग की। सीडब्ल्यूएमए द्वारा 11 अगस्त को पानी की मात्रा घटाकर 10,000 क्यूसेक की गई। हालांकि सरकार ने आरोप लगाया है कि कर्नाटक ने 10,000 क्यूसेक भी नहीं छोड़ा है।

क्यो भड़का कावेरी विवाद?

कम शब्दों में समझें तो तमिलनाडु ने कर्नाटक से 24,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की मांग की थी, जिस पर कर्नाटक का कहना था कि वह पीने के पानी और सिंचाई की अपनी जरूरतों को ध्यान में रखने के बाद ही तमिलनाडु में नदी का पानी छोड़ सकेगा। इसी बात को लेकर दोनों राज्यों के बीच तनातनी है। 

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