Highlights
- किसान नेता- हमारे लगभग 700 किसान शहीद हुए है
- किसान नेता ने कहा, 'मुआवजे की बात लिखित में दे सरकार'
- 4 दिसंबर को होने वाली SKM की बैठक में ले सकते हैं बड़ा फैसला
नई दिल्ली: पंजाब के किसान नेताओं ने बुधवार को सिंघु बॉर्डर पर कहा कि सरकार उनकी मांगें मानने की बात को लिखित में देगी तब ही वह विरोध प्रदर्शन बंद करके घर लौटेंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक किसान नेता ने कहा, "हमारे लगभग 700 किसान शहीद हुए है, लखीमपुर खीरी में 4 किसान गाड़ियों के नीचे मारे गए हैं, जबतक केंद्र की सरकार उनके मुआवजे के बारे और अजय मिश्रा टेनी को बाहर निकालने के बारे में लिखित में नहीं बताती तब तक हम संतुष्ट नहीं होंगे।"
उन्होंने कहा, "अगर सरकार हमारी इन सभी मागों के बारे में संतुष्ट करती है तो यहां से जाने के बारे में सोच सकते हैं। आज हरियाणा वालों और पंजाब वालों की भी बैठक हुई है, जो स्थिति आ रही है उस पर रोज विचार हो रहा है, हमारी अगली बैठक 3 दिसंबर को होगी और संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक 4 दिसंबर को होगी।"
किसान नेता ने कहा, "हम पूरी तरह से वापस जाने के लिए तैयार हैं, अगर सरकार लिखित रूप में हमारी मांगे मानने के बारे में दे देती है तो हम यहां से जाने के लिए तैयार हैं, अगर सरकार जल्द तरीके से फैसला करती है तो 4 दिसंबर को होने वाली संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में भी हम बड़ा फैसला ले सकते हैं।"