नई दिल्लीः मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था। शारदा सिन्हा 72 साल की थीं।
शाम से ज्यादा बिगड़ने लगी थी तबीयत
शारदा सिन्हा की मंगलवार देर शाम से तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी थी। शाम से किडनी की समस्या बढ़ गई थी। उनका क्रेटनिन भी बढ़ गया था। उनका डायलिसिस शुरू किया गया था। उन्होंने वेंटिलेटर पर ही दम तोड़ा। उन्हें भारत सरकार की तरफ से पद्म श्री और पद्म भूषण का अवॉर्ड भी मिला था।
छठ पूजा में बजते हैं शारदा के मशहूर गाने
शारदा सिन्हा छठ त्योहार के दौरान अपनी मनमोहक लोक प्रस्तुतियों के लिए जानी जाती थीं। छठ पूजा में ज्यादातर शारदा के ही लोक गाने बजाए जाते हैं। 72 वर्षीय शारदा सिन्हा 2018 से मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का रक्त कैंसर) से जूझ रही थीं। सोमवार को उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
पीएम मोदी ने परिजनों को दिया था मदद का भरोसा
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा के स्वास्थ्य की जानकारी उनके परिवारवालों से ली। उन्होंने परिजनों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था। उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी मां के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी थी।
1970 में शुरू किया था करियर
बता दें कि बिहार के पारंपरिक लोक संगीत और अपने प्रतिष्ठित छठ गीत में अपने योगदान के लिए जानी जाने वाली शारदा सिन्हा भोजपुरी समाज के लोगों के दिलों पर राज करती हैं। पिछले कुछ वर्षों में उनकी आवाज़ छठ त्योहार का पर्याय बन गई है। शारदा सिन्हा का शानदार करियर 1970 के दशक में शुरू हुआ और उन्होंने भोजपुरी, मैथिली और हिंदी लोक संगीत में राष्ट्रीय पहचान हासिल की।
2018 में मिला था पद्म भूषण
उनके मशहूर गाने जैसे 'हम आपके हैं कौन..!' का 'बबूल'! इससे उन्हें न केवल प्रसिद्धि मिली बल्कि आलोचनात्मक प्रशंसा भी मिली। 2018 में कला में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार, प्रतिष्ठित पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता है। इसी साल शारदा सिन्हा के पति का भी ब्रेन हैमरेज के कारण निधन हो गया था। इसी साल दोनों ने शादी की 54वीं सालगिरह मनाई थी।