रांची: अगर किसी शख्स का सालों पहले अंतिम संस्कार हो गया हो और अचानक पता चले कि वह जिंदा है तो आपका रिएक्शन क्या होगा? जाहिर सी बात है, पहले तो इस खबर पर यकीन ही नहीं होगा और यदि ऐसा होता है तो हैरानी ही होगी। ऐसे ही एक मामले में 25 साल पहले घर से लापता हुए जिस शख्स को परिजनों ने मुर्दा मान लिया था, वह जिंदा निकला। परिजन अब उस शख्स के जिंदा होने की खबर पाकर बेहद खुश हैं और उससे मिलने के लिए जेल जाने वाले हैं क्योंकि वह फिलहाल मेरठ में कारागार में बंद है।
परिजनों को तो यकीन ही नहीं हुआ
यह कहानी है रांची के मांडर निवासी जीतू किस्पोट्टा की। जीतू किस्पोट्टा इस समय उत्तर प्रदेश के मेरठ की एक जेल में बंद है। जीतू के जिंदा होने का पता उसके परिजनों को तब चला जब उसने जेल मैनेजमेंट से अपने परिजनों से मिलने की मांग की। उसकी मांग सुनने के बाद जेल के अधिकारियों ने उसके घर और थाने का पता लिया और इसकी सूचना मांडर पुलिस को दी। जब मांडर पुलिस ने जीतू के परिजनों को इसकी सूचना दी तो उनके होश उड़ गए। वे तो सपने में भी नहीं सोच सकते थे कि उनका जीतू अभी जिंदा है।
खुशी से उछल पड़े जीतू के परिजन
जीतू के जिंदा होने की सूचना से उसके परिजन खुशी से उछल पड़े। परिजनों ने बताया कि मांडर के सरगांव का जीतू किस्पोट्टा 25 साल पहले अचानक लापता हो गया था। जब उसका लंबे समय तक पता नहीं चला और परिजन उसे ढूंढने में नाकाम रहे तो उन्होंने हार मानकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। बीते बुधवार को मेरठ के जेलर ने मांडर के थाना प्रभारी से बात की और उन्हें बताया कि जीतू उरांव किसी अपराध के चलते जेल में बंद है और वह अपने परिजनों से मिलना चाहता है।
परिजनों ने पहचान ली जीतू की तस्वीर
मांडर पुलिस जब जीतू के गांव पहुंची तो पता चला कि उसे लापता हुृए 25 साल हो चुके हैं। थाना प्रभारी ने जैसे ही उसकी तस्वीर परिजनों को दिखायी तो उन्होंने उसे तुरंत पहचान लिया और उनकी आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े। जीतू के परिवार में उसके पिता एतवा उरांव, भाई बिगला उरांव, भतीजा दशरथ उरांव और अन्य लोग हैं। ये सभी उनसे मिलने मेरठ जाने की तैयारी कर रहे हैं। इस पूरे मामले के बारे में जो भी सुन रहा है, वह हैरान हुए बिना नहीं रह रहा है। (IANS)