ट्विटर के बाद मेटा कंपनी के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने अपनी कंपनी से 11 हजार कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया है। कंपनी से निकाले गए लोगों के लिए मार्क ने एक पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने बताया कि आखिर में हमने ऐसा फैसला क्यों लिया। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) मार्क जुकरबर्ग ने बुधवार को कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि रेवेन्यू में गिरावट और प्रौद्योगिकी उद्योग में जारी संकट के चलते यह फैसला करना पड़ा।
लगातार विज्ञापन घटते रहें
छंटनी के बारे में जुकरबर्ग ने बयान में कहा कि ‘‘दुर्भाग्य से यह मेरी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हैं।’’ उन्होंने आगे कहा कि‘‘ऑनलाइन कॉमर्स के पिछले रुझान वापस आ गए हैं लेकिन इसके साथ ही व्यापक आर्थिक मंदी, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और विज्ञापन घटने के संकेत के चलते हमारी आय, मेरी अपेक्षा से बहुत घट गई है। मैंने इसे गलत ढंग से समझा और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।'' इससे पहले अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद वहां बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था। पिछले सप्ताह ट्विटर ने अपने 7,500 कर्मचारियों में से लगभग 50 प्रतिशत को बाहर कर दिया था।
लॉक डाउन के बाद मार्केट पर पड़ा असर
दूसरी सोशल मीडिया कंपनियों की तरह मेटा ने भी महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान जोरदार वृद्धि दर्ज की। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग घर पर रहे और उन्होंने अपने फोन तथा कंप्यूटर पर अधिक वक्त बिताया। हालांकि, लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोग बाहर जाने लगे और इन कंपनियों की कमाई डगमगाने लगी। मेटा की आय के सबसे बड़े स्रोत - ऑनलाइन विज्ञापन में कमी और आर्थिक मंदी के चलते कंपनी के लिए संकट बढ़ा। इस गर्मी में मेटा ने अपने इतिहास में पहली बार किसी तिमाही के दौरान आय में गिरावट दर्जी की गई। मेटा द्वारा मेटावर्स में प्रतिवर्ष 10 अरब डॉलर से अधिक निवेश करने से भी निवेशक चिंतित हैं क्योंकि ऐसे में उसका ध्यान सोशल मीडिया कारोबार से हट रहा है। मेटा और उसके विज्ञापनदाता संभावित मंदी का सामना कर रहे हैं। एप्पल के गोपनीयता टूल से भी चुनौती मिल रही है,जिसके कारण फेसबुक, इंस्टाग्राम और स्नैप जैसे सोशल मीडिया मों के लिए सहमति के बिना लोगों को ट्रैक करना और लक्षित विज्ञापन देना कठिन होता जा रहा है