नई दिल्ली: चीन की नापाक चालबाजी को रोकने के लिए भारत ने एक बार फिर डिजिटल स्ट्राइक की है। इस बार खबर मिली है कि करीब 500 के लगभग ऐसे एप्लीकेशन हैं, जिसके जरिए चीन डेटा चोरी करके सारी जानकारी चुरा रहा है। ऐसे में गृह मंत्रालय भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने इस मामले की जांच की और फिर इन सभी वेबसाइट को बंद करने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक टेक्नोलॉजी ऐंड टेक्नोलॉजी को कहा।
आरोप ये है कि ये सभी एप्लीकेशन डेटा चोरी के साथ-साथ सारी जानकारी जमा कर रहे थे और लोगों को बरगला रहे थे। इसकी पूरी जानकारी इंडिया टीवी के पास है। गृह मंत्रालय ने इसी पर संज्ञान लेते हुए इस पर नोटिफिकेशन जारी किया है।
इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की निगरानी में हैं एक्सक्लूसिल कागज
एक्सक्लूसिव वो कागज हैं, जो बताते हैं कि ये सारे एप्लीकेशन इस समय गृह मंत्रालय की इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की निगरानी में हैं और इसको स्कैन किया जा रहा है क्योंकि इन्हीं के जरिए भारत का डेटा चोरी करके मासूमों के साथ ठगी की जा रही है और इसके पीछे बैक डोर पर कोई और नहीं बल्कि चीन है।
इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर जोकि गृह मंत्रालय की साइबर खतरों से निपटने वाली टीम है, उसने गूगल को भी लिखा है कि गूगल अपने सभी एप्लीकेशन से इनको हटा दें हालांकि गूगल ने अभी तक 11 एप्लीकेशंस को ब्लॉक कर दिया है।
बता दें कि देश के अलग-अलग कोनों में जो शिकायतें आईं थीं, उसके बाद गृह मंत्रालय ने एकजुट करकर इस पर जांच शुरू की और फिर लिस्ट तैयार की।
इसी को देखते हुए पैरामिलिट्री फोर्सेस और सेना के मुख्य अधिकारियों ने अपने जवानों को इन एप्लीकेशन से सतर्क रहने के लिए कहा है। क्योंकि अगर ऐसे ऐप्स को उन्होंने डाउनलोड किया तो उनके मोबाइल की सारी जानकारी चीन अपनी चालबाजी के साथ लीक कर सकता है। ऐसे में पैरामिलिट्री फोर्स के साथ सेना की अहम जानकारियां चीन के पास जा सकती थीं।
इन 11 ऐप्स को गूगल ने प्लेस्टोर पर ब्लॉक किया
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