श्रीनगर: 15 अगस्त के मौके पर जम्मू-कश्मीर की 740 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा पर किसी बड़े हमले की आशंका को देखते हुए जवानों को अलर्ट पर रखा गया है। खुफिया विभाग को जानकारी मिली है कि सीमा पार बैठे आतंकियों ने 15 अगस्त के समारोह पर जम्मू कश्मीर में किसी बड़े आतंकवादी हमले को अंजाम देने की योजना बनाई है। इनपुट के बाद LoC पर तैनात जवान हर हरकत, हर आहट पर नजर जमाए बैठे हैं ,ताकि सीमा पार से किसी भी खतरे को वक्त रहते नाकाम बनाया जा सके। सीमा पर एक-एक जवान आपको 24 घंटे अपनी पोस्ट की निगरानी में जुटा दिखाई देगा और इसका अंदाजा आप आगे कुछ तस्वीरों को देखकर लगा सकते हैं।
हर पर सरहद पर आंखें जमाए रहते हैं जवान
बता दें कि उरी सेक्टर के आखरी पोस्ट से POK की दूरी महज 3 किलोमीटर है। हिमालय की ऊंची चोटियों के बीच तीखे ढलानों वाली यह घाटी आम लोगों का हौसला भले ही पस्त कर दे लेकिन सरहदों की सुरक्षा में तैनात जवान यहां हर पल अपनी आंखें जमाए बैठा रहता है। यहां दुश्मन भले ही सामने न दिखता हो लेकिन यहां पसरी शांति सिर्फ देखने के लिए है। ये शांति इस इलाके में बीते कुछ सालों में हजारों लोगों की जान ले चुकी है। इन सबके भीच भी अपनी जान की परवाह किए बिना एक जवान सीमा की सुरक्षा के लिए कठिन से कठिन परिस्थितियों में सरहद की निगेहबानी करता दिख रहा है।
POK में मौजूद हैं आतंकियों के कई लॉन्चिंग पैड
बता दें कि भारतीय सेना की पोस्ट के ठीक 3 किलोमीटर के फासले पर POK की पोस्ट है जहां कई बड़े लॉन्चिंग पैड हैं। आतंकवादी अक्सर इन लॉन्चिंग पैड्स से घुसपैठ करने की फिराक में रहते हैं। इस तरह यहां हर जवान को बेहद अलर्ट रहना पड़ता है। डिजिटल सर्विलांस और इलाके को कवर करने वाली फेंस के अलावा जवानों को अमेरिका, इजराइल और रूस निर्मित लेटेस्ट हथियारों से लैस किया गया है। इस पोस्ट के चारों ओर ऐसे डिजिटल उपकरण लगाए गए हैं जिनसे सीमा पार की हर हरकत पर नजर रखी जाती है। .सरहदों पर तैनात जवानों का मानना है कि ये उपकरण घुसपैठ रोकने में मददगार साबित हो रहे हैं।
सीजफायर उल्लंघन के दौरान काफी काम आती हैं सुरंगें
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले काफी सालों से सीजफायर एग्रीमेंट चल रहा है, लेकिन उसके बाद भी आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्तानी सेना सीजफायर का उल्लंघन करती रही है। सीजफायर उल्लंघन से बचने के लिए भारतीय सेना के जवानों के लिए POK के पास स्थित सभी संवेदनशील पोस्टों पर जमीन के नीचे सुरंगें बनाई गई हैं। ये सुरंगें पूरी पोस्ट को कवर करती हैं और सीजफायर उल्लंघन के दौरान इससे एक तो जवान सुरक्षित रहते हैं और दूसरी तरफ बर्फबारी के दौरान भी इन सुरंगों से निगरानी की जा सकती है।
जंगल में भी आतंकियों के लिए काल बन जाते हैं जवान
जंगल में छिपे आतंकियों को खोज निकालना और उनके पनाहगाहों को निशाना बनाना कोई आसान काम नहीं है और जवान इसके लिए बहुत ही कड़ी ट्रेनिंग से गुजरते हैं। बता दें कि LoC के पास स्थित जंगलों में कई प्राकृतिक गुफाएं, ऊंचे-ऊंचे पेड़ और विशाल पहाड़ हैं। ये भौगोलिक परिस्थितियां आतंकियों को घात लगाकर जवानों पर हमला करने में मदद करती हैं। हालांकि भारतीय सेना के जवान अपनी जान हथेली पर रखकर आतंकियों के खिलाफ लगातार सर्च ऑपरेशन चलाते रहते हैं और जंगल वॉर में हिस्सा लेकर आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेरते रहते हैं।
LoC पर 11000 फीट की ऊंचाई पर फहराया तिरंगा
भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जवानों ने पूरे जोश और जुनून के साथ LoC पर करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर तिरंगा फहराया है। जवान जश्न-ए-आजादी में पूरे उत्साह के साथ शामिल हुए और एक दूसरे से जमकर गले लगे। इस दौरान जवानों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी, मिठाइयां बांटी और भारत माता की जय के नारे लगाए। इंडिया टीवी से बात करते हुए जवानों ने कहा ऐसे मौके पर भी हम अपने फर्ज को निभाना नहीं भूलते हैं।