नई दिल्ली : केरल के गवर्नर और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि समान नागरिक संहिता (UCC) से देश की विविधता को कोई खतरा नहीं है। मुस्लिमों के बीच समान नागिरक संहिता को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने इंडिया टीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में ये बात कही।
तलाक की दर में 95 फीसदी की कमी
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इससे पहले तीन तलाक के मुद्दे पर भी जबरदस्त विरोध हुआ। लेकिन तीन तलाक कानून बनने के बाद से तलाक की दर में 95 फीसदी की कमी आई है। इससे मुस्लिम महिलाओं को फायदा हुआ है।
UCC पर चंद लोगों का विरोध
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि दुनिया हर पल बदल रही है। अगर समय की मांग के मुताबिक नहीं चलोगे तो बहुत परेशानी में फंसोगे और तुम्हारी जगह कोई और बैठेगा। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर चंद लोगों का विरोध हो सकता है।
कानून रीति-रिवाज नहीं देखता
रीति-रिवाज और कानून को उल्लेख करते हुए केरल के राज्यपाल ने कहा कि कानून के सामने रीति-रिवाज का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। कानून रस्मो-रिवाज नहीं देखता है। कानून का काम केवल एक है- अगर आपके साथ अन्याय होता है तो न्याय होना चाहिए और यह न्याय समान रूप से होना चाहिए।
आस्था और जाति की बुनियाद पर भेदभाव नहीं
उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में अगर कोई इस तरह का मामला कोर्ट में जाता है तो सबसे पहले पूछा जाता है कि कौन से धर्म को मानते हैं। जबकि दूसरी तरफ तरफ देश का संविधान समानता की बात कहता है। आस्था और जाति की बुनियाद पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है।
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