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भारतीयों की ऊर्जा जरूरतें 20 वर्षों में दोगुनी हो जाने की उम्मीद: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सफल जलवायु कार्रवाई के लिए पर्याप्त वित्त उपलब्ध होने की भी जरूरत है।

Reported by: Bhasha
Updated on: February 16, 2022 19:52 IST
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Image Source : PTI FILE Prime Minister Narendra Modi.

Highlights

  • पीएम मोदी ने विकसित देशों से वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अपने वादों को पूरा करने का आग्रह किया।
  • WSDS-22 के उदघाटन भाषण में मोदी ने कहा कि पर्यावरणीय धारणनीयता केवल जलवायु न्याय से ही हासिल की जा सकती है।
  • मोदी ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा समझौता (UNFCCC) के तहत वादों को पूरा करने में यकीन करता है।

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत के लोगों की ऊर्जा जरूरतें अगले 20 वर्षों में दोगुनी हो जाने की उम्मीद है। साथ ही, उन्होंने विकसित देशों से वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अपने वादों को पूरा करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने 21वें विश्व सतत विकास सम्मेलन (WSDS-22) के उदघाटन भाषण में कहा कि पर्यावरणीय धारणनीयता केवल जलवायु न्याय से ही हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा, ‘भारत के लोगों की ऊर्जा जरूरतें अगले 20 वर्षों में दोगुनी हो जाने की उम्मीद है।’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह ऊर्जा उपलब्ध कराने से इनकार करना लाखों लोगों को जीने से मना करने जैसा होगा। सफल जलवायु कार्रवाई के लिए पर्याप्त वित्त उपलब्ध होने की भी जरूरत है। इसके लिए, विकसित देशों को वित्त और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अपने वादे पूरे करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा समझौता (UNFCCC) के तहत वादों को पूरा करने में यकीन करता है। मोदी ने कहा, ‘हम UNFCCC के तहत किये गये अपने सभी वादों को पूरा करने में दृढ़ विश्वास रखते हैं। हमने ग्लासगो में हुए COP-26 के दौरान भी अपनी आकांक्षाओं से अवगत कराया था।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बहुत ही विविधताओं वाला देश है, जहां विश्व की 8 प्रतिशत प्रजातियां हैं। मोदी ने कहा, ‘भारत का क्षेत्रफल विश्व की कुल भूमि का 2.4 प्रतिशत ही है लेकिन यहां विश्व की 8 प्रतिशत प्रजातियां हैं। इस पारिस्थितिकी का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है। हम अपने संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क को मजबूत कर रहे हैं।’ WSDS-2022 3 दिवसीय सम्मेलन है, जिसका आयोजन 100 से अधिक देशों की भागीदारी के साथ ‘द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट’ (टेरी) कर रहा है। यह 18 फरवरी को संपन्न होगा।

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