Monday, December 23, 2024
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संसद में ऊर्जा संरक्षण संशोधन बिल ध्वनिमत से पारित, सरकार ने बताया फ्यूचर ओरिएंटेड

नवीकरणीय ऊर्जा(Renewable energy) मंत्री राजकुमार सिंह ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के एरिया में भारत की उपलब्धियों पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा प्रोडक्शन के लक्ष्य को हासिल करने में राष्ट्र ने जो कुछ हासिल किया है, वैसा बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और विकसित देश नहीं कर पाए हैं।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published : Dec 12, 2022 18:45 IST, Updated : Dec 12, 2022 18:45 IST
संसद में ध्वनिमत से पारित हुआ ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) बिल 2022(फाइल फोटो)
Image Source : PTI संसद में ध्वनिमत से पारित हुआ ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) बिल 2022(फाइल फोटो)

संसद में ‘ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक(Energy Conservation Bill) '2022' को आज यानी सोमवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। जिसमें कम से कम 100 किलोवाट के विद्युत कनेक्शन वाली इमारतों के लिए नवीकरणीय सोर्स से ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का प्रोविजन किया गया है। सरकार ने इस बिल को ‘फ्यूचर ओरिएंटेड’ करार दिया है। राज्यसभा ने इस बिल को चर्चा के बाद आज ध्वनिमत से पारित कर दिया। सदन ने बिल के संबंध में विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर दिया। बता दें कि लोकसभा में इस बिल को अगस्त माह में ही पारित किया जा चुका है। 

'भारत की उपलब्धियों पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए'

बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा(Renewable energy) मंत्री राजकुमार सिंह ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के एरिया में भारत की उपलब्धियों पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए क्योंकि अक्षय ऊर्जा प्रोडक्शन के एम(लक्ष्य) को प्राप्त करने में राष्ट्र ने जो कुछ हासिल किया है, वैसा बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और विकसित देश नहीं कर पाए हैं। बिल को भविष्योन्मुखी करार देते हुए सिंह ने कहा, ‘‘जो विकसित देश पहले हमें (पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन में कटौती को लेकर) भाषण देते थे, आज जब वे हमारा काम देखते हैं तो वे रक्षात्मक मुद्रा में आ जाते हैं।’’ 

देश ने यह लक्ष्य नवंबर 2021 में हासिल कर लिया 

सिंह ने कहा कि पेरिस में हुए संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (कॉप 21) में भारत ने तय किया था कि 2030 तक बिजली उत्पादन क्षमता का 40 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा जैसे नॉन फॉसिल फ्यूल सोर्सों से पूरा किया जाएगा और इस लक्ष्य को देश ने नवंबर 2021 में ही प्राप्त कर लिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है और ऐसे में हर देश को यह समझ में आ गया है कि उन्हें इस दिशा में कदम उठाना होगा। उन्होंने कहा कि भारत के मॉडल और पद्धति को देखने के लिए आज कई देश यहां आ रहे हैं। 

'राज्यों के अधिकारों में कटौती की जताई थी आशंका'

इससे पहले बिल पर चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों ने यह आशंका जताई थी कि इस विधेयक के जरिए राज्यों के अधिकारों में कटौती हो रही है। उनकी इस आशंका को निराधार ठहराते हुए मंत्री सिंह ने कहा कि पर्यावरण प्रोटेक्शन एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें केंद्र और राज्य सरकार साथ मिलकर एक इकाई के रूप में काम कर रहे हैं और इसमें किसी के अधिकार छीनने का प्रश्न ही नहीं उठता है। उन्होंन कहा कि ‘कार्बन क्रेडिट’ कारोबार में जो कंपनियां या उद्योग अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करेंगे उन्हें रेटिंग दी जाएगी। किंतु जो लोग अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएंगे उनके सामने दो विकल्प होंगे। ऐसे उद्योगों को लक्ष्य पूरा नहीं करने पर या तो दंड देना पड़ेगा या वे लक्ष्य से अधिक उत्सर्जन करने वालों से रेटिंग खरीद सकते हैं। 

बिल के उद्देश्यों में कहा गया है कि...

इस बिल के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है कि इसमें ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया, बायोमास और इथेनॉल सहित गैर-जीवाश्म स्रोतों के उपयोग का प्रस्ताव किया गया है। इसमें कहा गया है कि बड़ी आवासीय इमारतें 24 प्रतिशत बिजली का उपभोग करती हैं और इस बिल में ऐसी इमारतों को ज्यादा ऊर्जा सक्षम और वहनीय बनाने के प्रोविजन किए गए हैं।

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