Highlights
- वीरगति को प्राप्त हुए जवान की पहचान गिरिजेश कुमार के रूप में हुई है।
- 53 वर्षीय गिरिजेश उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में बुरी तरह घायल हो गए थे।
- घटना के बाद पूरे इलाके में ऑपरेशन को और तेज कर दिया गया है।
India Bangladesh Border: उत्तरी त्रिपुरा के कंचनपुर अनुमंडल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर NLFT (नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) के संदिग्ध उग्रवादियों के साथ हुई भीषण मुठभेड़ में BSF का एक जवान शहीद हो गया। अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वीरगति को प्राप्त हुए जवान की पहचान BSF की 145वीं बटालियन के गिरिजेश कुमार के रूप में हुई है। 53 वर्षीय गिरिजेश मुठभेड़ में बुरी तरह घायल हो गए थे जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अगरतला ले जाया गया। हलांकि तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
बांग्लादेश की तरफ से शुरू हुई गोलीबारी
अधिकारियों के मुताबिक, BSF की एक टीम कंचनपुर अनुमंडल के सीमा-II चौकी इलाके में एक अभियान पर थी, तभी बांग्लादेश की तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ‘भारी हथियारों से लैस उग्रवादियों के एक ग्रुप ने बांग्लादेश के रंगमती पर्वतीय जिले के जुपुई इलाके से BSF जवानों पर गोलियां चलाईं। जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ के दौरान बीएसएफ के एक जवान को 4 गोलियां लगीं।’ त्रिपुरा बांग्लादेश के साथ 856 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा साझा करता है।
‘बांग्लादेश में अंदर की तरफ भागे उग्रवादी’
अधिकारियों ने बताया कि NLFT उग्रवादियों ने बांग्लादेश क्षेत्र से गोलीबारी की और घात लगाकर हमला करने के तुरंत बाद, जब बीएसएफ के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, तो वे पड़ोसी देश के पहाड़ी जंगल के अंदर भाग गए। घटना के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पूरे इलाके में ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस महानिरीक्षक अरिंदम नाथ और BSF के वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (TSR) की एक बड़ी टुकड़ी आगे की कार्रवाई के लिए पहाड़ी इलाकों में पहुंच गई है।