Highlights
- अब नहीं करना होगा 1 जनवरी का इंतजार
- पहले 18 वर्ष के आयु वाले ही अपना नाम दर्ज कराते थे
- हर तिमाही अपडेट होगा वोटर लिस्ट
Election Commission Voter List: चुनावों में युवाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करने के कोशिश के तहत इलेक्शन कमीशन ने फैसला किया है कि 18 वर्ष के होने पर मतदाता के तौर पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 17 साल से ज्यादा उम्र के युवा अब पहले ही आवेदन कर सकते हैं। इससे पहले 18 वर्ष के आयु वाले ही अपना नाम दर्ज कराते थे।
अब 1 जनवरी का नहीं करना होगा इंतजार
कुछ समय पहले तक, किसी वर्ष 1 जनवरी को या उससे पहले 18 वर्ष के होने वाले लोगवोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने के पात्र होते थे। 1 जनवरी के बाद 18 साल के होने वालों को वोटर के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए पूरे एक साल तक इंतजार करना पड़ता था। चुनाव कानून में बदलाव के बाद, लोग 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को 18 साल की उम्र में वोटर के रूप में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
वोटर लिस्ट हर तिमाही होगा अपडेट
गुरुवार को जारी इलेक्शन कमीशन के एक बयान के मुताबिक, मुख्य निर्वाचन आयुक्त (Chief Election Commissioner) राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त (Election Commissioner) अनूप चंद्र पांडे के नेतृत्व में आयोग ने राज्यों में चुनाव अधिकारियों को समाधान तैयार करने का निर्देश दिया है ताकि युवाओं को अपना अग्रिम आवेदन करने में सुविधा हो। बयान में कहा गया है, ‘‘अब से, वोटर लिस्ट को हर तिमाही में अपडेट किया जाएगा और पात्र युवाओं को उस वर्ष की अगली तिमाही में रजिस्ट्रर किया जा सकता है जिसमें वे 18 साल के हुए होंगे।’’
पहले ही एप्लीकेशन कर सकते हैं जमा
इसमें कहा गया है कि मतदाता सूची, 2023 के सलाना सुधार के वर्तमान चरण के लिए, कोई भी नागरिक जो 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 2023 के 1 अक्टूबर तक 18 साल के हो रहे हैं, वह भी वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट पब्लिकेशन की तारीख से वोटर के रूप में रजिस्ट्रेशन के लिए पहले ही एप्लीकेशन जमा कर सकते हैं।
वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने की तैयारी
वोटर लिस्ट को आधार नंबर से लिंक करने के मामले पर इलेक्शन कमीशन ने तैयारी शुरू कर दी है। एक अगस्त से 31 दिसंबर तक अभियान चलाकर वोटर लिस्ट में शामिल हर नाम का आधार नंबर इकट्ठा किया जाएगा और इसे आधार से लिंक किया जाएगा। अप्रैल 2023 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। सभी वोटरों तक पहुंचकर उनका आधार नंबर लेने की कोशिश की जाएगी। एक बार वोटरों के नाम आधार नंबर से जुड़ जाने के बाद वोटर लिस्ट में कोई डुप्लीकेट नाम नहीं रहेगा। यदि किसी वोटर के पास आधार नंबर नहीं है तो उसे एफिडेविट देना होगा।