नई दिल्ली: देश के करोड़ों प्रवासी वोटरों को चुनाव आयोग जल्द ही बड़ी सौगात दे सकता है। ये भविष्य में वोटिंग के सिस्टम को और आसान बना देगा। आज दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में चुनाव आयोग नई वोटिंग मशीन का डेमो देने जा रही है। इसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियों को चुनाव आयोग ने बुलाया है। नई ईवीएम की सबसे खास बात ये है कि ये प्रवासियों को मतदान केंद्र पर पहुंचे बिना वोट डाने में सक्षम बनाएगी। प्रवासी मजदूरों के भी वोटिंग राइट यूज़ करें, इसके लिए चुनाव आयोग ने रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया है।
रिमोट वोटिंग प्रणाली के विरोध में विपक्षी दल
चुनाव आयोग की इस कोशिश को जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने की दिशा में एक अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन चुनाव आयोग की मीटिंग से पहले 16 विपक्षी पार्टियों ने RVM को खारिज कर दिया है। हालांकि कांग्रेस समेत ये सभी 16 पार्टियां आज चुनाव की मीटिंग में जा जरूर रही हैं, लेकिन उनके कई सवाल हैं जिनको लेकर RVM के मुद्दे पर विवाद गरमा सकता है।
देश की 16 विपक्षी पार्टियों ने रिमोट वोटिंग मशीन पर चुनाव आयोग के प्रस्ताव का विरोध करने का निर्णय लिया है। विपक्षी पार्टियों को इसकी परिकल्पना, परिभाषा और संचालन सभी पर संदेह है। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में इन विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से यह माना कि आरवीएम का प्रस्ताव विसंगतियों से भरा है और फिलहाल तो चुनाव आयोग यह ही तय नहीं कर पाया है कि प्रवासी मजदूरों की परिभाषा में किसे शामिल किया जाएगा और किसे नहीं। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर आम राय बनाने के लिए दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में सभी विपक्षी दलों के साथ रविवार को यह बैठक की। चुनाव आयोग के आरवीएम पर प्रजेंटेशन से ठीक एक दिन पहले हुई यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है।