Highlights
- वोटरलिस्ट की गड़बड़ियों को किया जाएगा दूर
- एक देश एक वोटर आइडी पर हो रहा काम
- हर चुनाव के लिए जारी होगी एक समान मतदाता सूची
Big Changes in Voter List: मतदाता सूची में अक्सर होने वाली गड़बड़ियों से आपको भी कभी न कभी परेशान होना पड़ा होगा। कई बार नाम, उम्र और पते में होने वाली त्रुटियों को सही कराने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़े होंगे। इसमें आपका धन और समय दोनों ही व्यर्थ में खर्च हुआ होगा। मगर अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। भारत निर्वाचन आयोग आपकी मुश्किलों को ध्यान में रखते हुए ही मतदाता सूची में कई बड़े बदलाव करने जा रहा है, जिससे आपको होने वाली तमाम दिक्कतों से निजात मिल जाएगी।
वोटर लिस्ट और आधार से मैच होगा ब्यौरा
निर्वाचन आयोग ने देश भर में वोटर लिस्ट में होने वाली गड़बड़ियों को दूर करने का निर्देश दिया है। ताकि लोगों को छोटी-छोटी त्रुटियों को दूर कराने की नौबत नहीं आए और इसके लिए उन्हें दफ्तरों की परिक्रमा न करनी पड़े। इसके लिए अब सभी मतदाताओं की मतदाता सूची को उनके आधार से मिलान किया जाएगा। इसमें नाम, पता और उम्र इत्यादि का ब्यौरा समान होने पर उसे अपडेट किया जाएगा। यदि किसी के वोटर लिस्ट और आधार का ब्यौरा अलग होता है तो उसे सूचना देकर सही ब्यौरा उपलब्ध कराने को कहा जाएगा। ताकि आगे हमेशा के लिए त्रुटियां अपडेट हो सकें।
वोटर लिस्ट से आधार का लिंक वैकल्पिक, लेकिन मतदाताओं के लिए फायदेमंद
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट से आधार को लिंक कराए जाने के फैसले को वैकल्पिक बताया है। यानि मतदाता चाहें तो वह अपने वोटर लिस्ट से आधार कार्ड को लिंक करवा सकते हैं। यह उनकी इच्छा पर निर्भर करता है, लेकिन इसे मतदाताओं के लिए ही फायदेमंद बताया जा रहा है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि वोटर लिस्ट में होने वाली गड़बड़ियों की आशंका नहीं रह जाएगी। वोटर आइडी और आधार कार्ड की सूचनाएं आपस में मैच कराकर सूची को अपडेट किया जाएगा। इससे वोटरों को भविष्य में होने वाली विसंगतियां दूर होंगी।
आधार नंबर बताने पर भी बूथ पर दे सकेंगे वोट
जिन मतदाताओं के आधार कार्ड वोटर आइडी से लिंक होंगे, मतदाता सूची में उनका नाम नहीं होने के बाद भी वह आसानी से वोट दे पाएंगे। इसके लिए मतदाताओं को अपना आधार नंबर बताना होगा। अभी तक कई बार वोटर आइडी होने के बाद भी मतदाता सूची में मतदाताओं का नाम नहीं आता था। इससे वह मताधिकार से वंचित रह जाते थे।
सभी चुनावों के लिए होगी एक सूची
चुनाव आयोग इस मोड पर काम कर रहा है कि अब सभी चुनावों के लिए एक ही मतदता सूची जारी की जाएगी। अभी तक पंचायत चुनाव से लेकर नगर पालिका, विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए अलग-अलग मतदाता सूची जारी होती थी। इसमें ही गड़बड़ी करके मतदाताओं के नाम हटवा दिए जाते थे। इससे काफी संख्या में मतदाता वोट नहीं दे पाते थे। अलग-अलग सूची होने से इसका दुरुपयोग करना आसान रहता था। जनप्रतिनिधियों पर अपने हिसाब से मतदाता सूची तैयार कराने के आरोप भी लगते रहते थे। मगर अब ऐसा नहीं हो सकेगा। सभी चुनाव में एक ही मतदाता सूची जारी हुआ करेगी।
मुर्दे अब नहीं दे पाएंगे वोट
चुनाव आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती मृत हो चुके लोगों का नाम मतदाता सूची से हटाना है। इसका सत्यापन जोरों से चल रहा है। क्योंकि व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद भी मतदाता सूची में उसका नाम आ जाता था। ऐसे में प्रभावशाली लोगों की ओर से किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से उसी मतदाता के नाम से वोटिंग करा दी जाती थी। मतदाता सूची में किए जाने वाले बदलाव के बाद अब ऐसा नहीं हो पाएगा।
एक देश एक वोटर आइडी
अभी कई मतदाताओं का अलग-अलग राज्यों और विधानसभाओं की मतदाता सूची में नाम है। इससे भी गड़बड़ियां मतदान के दौरान होती हैं। एक वोटर कई जगह और कई राज्यों में वोट देता है। उसे कोई रोक भी नहीं पाता, क्योंकि उसके पास वैध वोटर आइडी और मतदाता सूची होती है। मगर अब एक देश एक वोटर आइडी पर काम किया जा रहा है। इसके तहत एक मतदाता की पूरे देश में एक ही वोटर आइडी होगी। इससे वह केवल एक ही जगह मतदान कर पाएगा। फर्जी वोटर आइडी कार्ड को निरस्त कर दिया जाएगा।