Wednesday, March 19, 2025
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'शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं', रूस-यूक्रेन युद्ध पर 3 साल बाद शशि थरूर को हुआ गलती का एहसास; मोदी सरकार की तारीफ की

रूस ने जब फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था तो कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भारत के रुख की आलोचना की थी और मॉस्को के इस कदम की आक्रामकता की निंदा करने का आह्वान किया था।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Mar 18, 2025 21:45 IST, Updated : Mar 18, 2025 21:48 IST
shashi tharoor
Image Source : PTI शशि थरूर

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद भारत के रुख का विरोध करना उनके लिए शर्मिंदगी भरी बात साबित हुई है। साथ ही, उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अपनाई गई नीति के कारण देश अब उस स्थिति में है जहां वह स्थायी शांति के लिए भूमिका निभा सकता है। उनका यह भी कहना था कि भारत ने जो नीति अपनाई है, उसके तहत भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस के रूस व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की दोनों को गले लगा सकते हैं।

थरूर ने की थी भारत के रुख की आलोचना

बता दें कि रूस ने जब फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर हमला किया था तो थरूर ने भारत के रुख की आलोचना की थी और मॉस्को के इस कदम की आक्रामकता की निंदा करने का आह्वान किया था। ‘रायसीना डायलॉग’ में पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने कहा, ‘‘मैं आज भी शर्मिंदगी को खत्म करने का प्रयास कर रहा हूं क्योंकि संसदीय चर्चा के दौरान मैंने फरवरी 2022 में भारत के रुख की आलोचना की थी।’’

PM मोदी को लेकर क्या बोले थरूर?

तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा कि उनकी आलोचना इस आधार पर थी कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन हुआ था, सीमाओं के अतिक्रमण से संबंधित सिद्धांत का उल्लंघन हुआ था, यूक्रेन नामक एक सदस्य राज्य की संप्रभुता का उल्लंघन हुआ था और भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय विवादों को निपटाने के लिए बल के उपयोग के विरोधी रहा हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उन सभी सिद्धांतों का उल्लंघन एक पक्ष द्वारा किया गया था और हमें इसकी निंदा करनी चाहिए थी। खैर, तीन साल बाद ऐसा लग रहा है कि मैं शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं क्योंकि इस नीति का मतलब है कि भारत में वास्तव में एक प्रधानमंत्री हैं जो यूक्रेन के राष्ट्रपति और मॉस्को रूस के राष्ट्रपति दोनों को दो सप्ताह के अंतराल पर गले लगा सकते हैं और दोनों स्थानों पर उनकी स्वीकार्यकता है।

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