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Effect of Corona: कोरोना से 3 साल में 50 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान, उबरने में लगेंगे 12 साल, RBI की रिपोर्ट

कोरोना देश—दुनिया में फिर पैर पसार रहा है। इसी बीच RBI ने माना है कि कोविड-19 की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है।

Edited by: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : April 30, 2022 13:12 IST
Corona Effect
Image Source : FILE PHOTO Corona Effect

Effect of Corona: कोरोना देश—दुनिया में फिर पैर पसार रहा है। इसी बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI की रिसर्च टीम ने माना है कि कोविड-19 की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है। RBI के मुताबिक, कोरोना महामारी की वजह से हुए नुकसान से उबरने में हमारी इकोनॉमी को 12 साल तक लग सकते हैं। RBI ने शुक्रवार को ‘करंसी एंड फाइनेंस 2021-22’ रिपोर्ट जारी की है। इसे सेंट्रल बैंक की रिसर्च टीम ने तैयार किया है।

रिपोर्ट के अनुसार पिछले 3 सालों में भारत को 50 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। 2020-21 में 19.1 लाख करोड़, 2021-22 में 17.1 लाख करोड़ और 2022-23 में 16.4 लाख करोड़। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि डिजिटाइजेशन को बढ़ावा और ई-कॉमर्स, स्टार्ट-अप, रिन्यूएबल और सप्लाई चेन लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में नए निवेश के बढ़ते अवसर ग्रोथ में अपना योगदान दे सकते हैं।

कोरोना की लहरों से रिकवरी प्रभावित

रिपोर्ट के अनुसार COVID-19 महामारी की बार-बार आ रही लहरों के कारण इकोनॉमिक रिकवरी प्रभावित हो रही। जून 2020 की तिमाही में तेज संकुचन के बाद, दूसरी लहर के आने तक इकोनॉमिक रिकवरी तेज रही। इसी तरह, जनवरी 2022 में तीसरी लहर के कारण रिकवरी प्रोसेस आंशिक रूप से प्रभावित हुई। महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, खासकर जब हम चीन, साउथ कोरिया और यूरोप के कई हिस्सों में संक्रमण की ताजा लहर को ध्यान में रखते हैं।

रूस-यूक्रेन जंग से भी इकोनॉमी को नुकसान

रिसर्च टीम ने रूस-यूक्रेन जंग से पैदा हुए हालातों पर भी चिंता जताई है। इसमें कहा गया है कि सप्लाई की दिक्कत और डिलीवरी टाइम में बढ़ोतरी ने शिपिंग कॉस्ट और कमोडिटी प्राइसेस को बढ़ा दिया है। इससे महंगाई बढ़ गई है पूरी दुनिया में इकोनॉमिक रिकवरी को प्रभावित कर रही है। भारत भी ग्लोबल सप्लाई चेन की दिक्कतों से जूझ रहा है। डिलीवरी टाइम के बढ़ने और रॉ मटेरियल के हाई प्राइस भारतीय फर्मों के मुनाफे को कम कर रहे हैं।

IMF ने भी भारत का GDP अनुमान घटाया

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के GDP अनुमान को 80 बेसिस पॉइंट घटाकर 8.2% कर दिया था। जनवरी में IMF ने 9% ग्रोथ का अनुमान लगाया था। ग्रोथ अनुमान रूस-यूक्रेन जंग को देखते हुए घटाया गया है। IMF का मानना है कि रुस-यूक्रेन जंग से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई है और ये घरेलू खपत और प्राइवेट इन्वेस्टमेंट पर बुरा प्रभाव डालेगी।

वर्ल्ड इकोनॉमी का भी ग्रोथ अनुमान घटाया था

वर्ल्ड इकोनॉमी 2023 में इकोनॉमी 3.6% से ग्रो हो सकती है, जो कि पहले के अनुमान से 20 बेसिस पॉइंट कम है। IMF के चीफ इकोनॉमिस्ट पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने कहा था, 'रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के कारण ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। युद्ध ने सप्लाई चेन से जुड़ी समस्याओं को और ज्यादा बढ़ा दिया है। भूकंपीय तरंगों की तरह, इसका असर दूर तक होगा।

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