कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख के नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली स्थित परिसरों पर छापेमारी के लिए पहुंची ईडी की टीम पर पांच जनवरी को भीड़ ने हमला कर दिया था। इस हमले में ईडी के तीन अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके मोबाइल, लैपटॉप और बटुए भी लूट लिए गए थे। इस मामले में ईडी के घायल अधिकारी राजकुमार राम ने पूरी आपबीती इंडिया टीवी से शेयर की है। उन्होंने बताया कि भीड़ ने यह कहते हुए हमारे साथ मारपीट की कि यह मोदी का आदमी है.. मारो इसको।
अंदाजा नहीं थी कि ऐसी घटना हो सकती है
ईडी के अधिकारी राजकुमार राम ऑपरेशन को लीड कर रहे थे। 5 जनवरी को उनकी टीम सीआरपीएफ जवानों के दस्ते के साथ शाहजहां शेख के दफ्तर पर पहुंची थी। उन्होंने कहा-'हमारी यूनिट शाहजहां शेख के ऑफिस में सर्च करने के लिए अधिकृत किया गया था। इस बात का अंदाजा नहीं था कि ऐसी घटना हो सकती है। वहां पहुंचने पर ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर में ऑफिस था। हमने कॉल किया तो एक आदमी आया और ताला खोला। फर्स्ट फ्लोर पर पहुंचे तो वहां ताला लगा हुआ था। ग्राउंड फ्लोर खुला हुआ था। हमने लेटर दिखाया। इसके बाद हमारे साथ बैंक की महिला अधिकारी थी। उसने बंगाली में सबकुछ समझा दिया। फिर शाहजहां शेख के आदमी ने साइन कर दिया।'
सीआरपीएफ की गाड़ी में तोड़फोड़
राजकुमार राम ने आगे बताया, 'इस बीच हमारी दूसरी टीम शाहजहां शेख के घर गई थी और उस टीम को लोगों ने घेर लिया था। इसके बाद हमारे साथ मौजूद सीआरपीएफ की टीम के पास कॉल आया। फिर सीआरपीएफ के दो जवान मेरी टीम के साथ रुक गए और बाकी जवान शाहजहां शेख के घर की ओर रवाना हो गए। लेकिन भीड़ ने सीआरपीएफ की गाड़ी को रोक दिया और तोड़फोड़ की। इसके बाद पूरी भीड़ हमारी तरफ आ गई। भीड़ आक्रामक थी। हमलोग इस डर से बाहर निकले कि कहीं अंदर शटर गिराने पर ये लोग बाहर से आग न लगा दे। इसके बाद उनलोगों ने हमारी टीम के लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी। भीड़ की ओर से कुछ लोगों ने कहा कि ये लोग मोदी के आदमी हैं.. इनको मारो..। हमारे स्टाफ सोमनाथ के सिर पर पत्थर मार दिया। वह बेहोश होकर वहीं गिर गए। हमारे स्टाफ ने भागने की भी कोशिश की.. दो लेडी विटनेस थी उनके साथ भी मारपीट की गई। हमारे साथ सिर्फ दो सीआरपीएफ के जवान थे और कुछ नहीं कर पा रहे थे। उनलोगों ने कहा कि फायरिंग की परमिशन उनके पास नहीं है।'
मोबाइल, लैपटॉप, बैग छीन लिया
ईडी अधिकारी राजकुमार राम ने कहा-'मैंने अपना बैग जूनियर ऑफिसर को दे रखा था। उससे बैग और मोबाइल छीन लिया। मेरी जेब से भी मोबाइल छीन लिया। बैग में कई ऑफिसियल दस्तावेज थे जिन्हें छीन लिया। जैसे हम उस मार्केट से बाहर निकले फिर भीड़ ने मेरे सिर पर पत्थर मारा। मैं पूरी तरह से लहूलुहान हो चुका था। मोदी का आदमी कहकर हमारी पिटाई की जा रही थी। इस बीच भीड़ में से ही कोई आदमी हमें एक बाइक पर बिठा दिया और कहा कि भाग जाओ। रास्ते में सीआरपीएफ की टूटी हुई गाड़ी मिली। इसके बाद कई गाड़ी चेंज करते हुए हमलोग साल्ट लेक स्थित ईडी दफ्तर पहुंचे। फिर हमलोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।' राजकुमार राम ने कहा कि ऐसी घटना ईडी के इतिहास में कभी नहीं हुई।'