Friday, October 18, 2024
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प्रतिबंधित संगठन PFI पर ED का बड़ा खुलासा, कहा- 13 हजार से अधिक हैं एक्टिव सदस्य, भारत के खिलाफ कर रहे प्लानिंग

ईडी ने आज प्रतिबंधित संगठन पीएफआई की 57 करोड़ रुपये की कुल 35 संपत्तियों को जब्त किया है। साथ ही पीएफआई को लेकर ईडी ने कई अहम खुलासे भी किए हैं। ईडी ने बताया कि विदेशों में पीएफआई के 13 हजार से अधिक एक्टिव सदस्य हैं।

Reported By : Atul Bhatia Edited By : Avinash Rai Published on: October 18, 2024 22:20 IST
ED makes a big disclosure on banned organization PFI said there are more than 13 thousand active mem- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO प्रतिबंधित संगठन PFI पर ED का बड़ा खुलासा

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई की चल और अचल 35 संपत्तियों को जब्त किया है। इन संपत्तियो की कीमत करीब 57 करोड़ रुपये हैं। इन संपत्तियों में कई ट्रस्ट, कंपनिया और निजी संपत्तियां शामिल हैं। ईडी ने दिल्ली पुलिस और NIA द्वारा दर्ज मामलों को आधार बनाकर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। जांच में पता चला कि PFI के 29 खातों में देश और विदेश से फंड आया था। डमी फर्मों से फंड हवाला के जरिए और दूसरे तरीकों से भेजा गया था। ED इस मामले में फरवरी 2021 से मई 2024 तक PFI से जुड़े 26 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। ED ने अब तक 94 करोड़ रुपए की अपराध से अर्जित आय का पता लगाया है।

पीएफआई के 13 हजार से अधिक एक्टिव सदस्य

ED को अपनी जांच में पता चला की PFI का विदेशों में भी बड़ा नेटवर्क है। इसके सिंगापुर और खाड़ी देशों में 13000 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं। इन देशों में रहने वाले गैर निवासी मुस्लिम से पैसे इकट्ठा करने के लिए PFI ने डिस्ट्रिक्ट एग्जेक्यूटिव समिति (DEC) का गठन किया है, जिन्हें करोड़ो रुपए की फंडिंग करने का टारगेट दिया गया है। यह पैसा भारत में पीएफआई की आतंकवादी और अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जांच में पता चला कि पीएफआई का असल मकसद उसके दूसरे मकसदों से अलग है। जांच में पता चला कि  पीएफआई का असली मकसद भारत में जिहाद के ज़रिए इस्लामी स्टेट की स्थापना करना है, जबकि वह खुद को सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है।

पीएफआई कर रही थी भारत में गृहयुद्ध की तैयारी

पीएफआई अपने कृत्यों को गैर-हिंसक बताती थी, लेकिन हासिल सबूतों से पता चलता है कि उनके विरोध के तरीके हिंसक हैं। ED ने अपनी जांच के दौरान पीएफआई के विरोध के कुछ तरीको को कुछ इस तरीके से बताया है, जैसे गृह युद्ध की तैयारी करना। ED ने अपनी जांच में पाया कि PFI भारत में गृह युद्ध करने के लिए हवाई हमले, गोरिल्ला वॉर करने के लिए एक अलग से टेली कम्युनिकेशन सिस्टम तैयार करने की प्लानिंग कर रहा था। PFI ने अपने सदस्यों को अधिकारियों को परेशान करने, उनको ठगने, सामाजिक संबंध बनाने के साथ दुनिया को मरा हुआ दिखाने के लिए नकली अंतिम संस्कार करने का भी निर्देश दिया था।

भारत की अखंडता और एकता को कमजोर करना चाहती है पीएफआई

साथ ही भारत के खिलाफ साजिश के तहत PFI राष्ट्र की एकता और अखण्डता को कमजोर करना चाहता है, जिसके लिए वो कानूनों को तोड़ना, दोहरी पहचान और भारत के अंदर समानांतर सरकार चलाना समेत भारत के सीक्रेट एजेंटों की पहचान उजागर करना भी शामिल था। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें, दिल्ली में फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में हिंसा भड़काने और परेशानी पैदा करने की साजिश। हाथरस में साम्प्रदायिक माहौल को बिगाड़ने और आतंक फैलाने के लिए PFI और CFI के सदस्यों का दौरा।

पीएफआई के घातक प्लान

इसके अलावा आतंकवादी ग्रुप बनाने की प्लानिंग के तहत, घातक हथियार और विस्फोटक सामग्री जमा करना और महत्वपूर्ण और संवेदनशील जगहों समेत बड़ी हस्तियों पर हमला करने की योजना बनाना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान अशांति फैलाने के लिए ट्रेनिंग कैम्प बनाना। देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा पैदा करने वाले साहित्य को तैयार करना, प्रिंट करना और रखना। जांच के बाद, पीएफआई से जुड़े 35 अचल संपत्तियों जिनकी कीमत 56.56 करोड़ रुपये है, उन्हें जब्त किया गया है। ये संपत्तियां विभिन्न ट्रस्ट, पीएफआई से जुड़े व्यक्तियों और कंपनियों के नाम पर थीं। NIA ने इन आरोपों के संबंध में पीएफआई के नेताओं और कैडर्स के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर ऐसी  17 संपत्तियों को 'आतंकवाद से कमाई गई आय' के रूप में पहचान कर जब्त किया है।

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