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ED ने मृत गैंगस्टर विकास दुबे, सहयोगियों की 10 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

कानपुर के बिकरू गांव के रहने वाले विकास दुबे को पुलिस ने 10 जुलाई 2020 को एक मुठभेड़ में मार गिराया था। विकास दुबे और उसके साथियों ने 3 जुलाई 2020 को कई पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। विकास के 5 सहयोगी भी एनकाउंटर में मारे गए थे।

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published on: November 02, 2022 16:51 IST
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Image Source : FILE एनकाउंटर में मारा गया गैंगस्टर विकास दुबे।

नयी दिल्ली: पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारे गए उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर विकास दुबे, उसके परिवार और सहयोगियों की 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत कुर्क की गई है। ED ने बुधवार को एक बयान में बताया कि कानपुर और लखनऊ में स्थित कुल 28 अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए PMLA के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है। विकास दुबे और उसके साथियों पर पुलिसकर्मियों की हत्या समेत कई गंभीर आरोप थे। 

करोड़ों की संपत्ति को ED ने किया कुर्क

ईडी ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कुल 10.12 करोड़ रुपये की ये संपत्तियां विकास दुबे, उसके परिवार के सदस्यों, सहयोगी जयकांत बाजपेयी एवं उसके परिवार के सदस्यों और दुबे के अन्य सहयोगियों के नाम पर है। उसने बताया कि ये संपत्तियां ‘विकास दुबे की आपराधिक गतिविधियों से जुटाए गए धन से हासिल की गई हैं।’ पुलिस ने बताया था कि दुबे की 10 जुलाई, 2020 की सुबह पुलिस मुठभेड़ में उस समय मौत हो गई थी, जब उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रही गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी और उसने घटनास्थल से भागने की कोशिश की थी।

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Image Source : FILE
गैंगस्टर विकास दुबे इसी गाड़ी में सफर कर रहा था।

दुबे के 5 सहयोगियों का भी हुआ था एनकाउंटर
विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत से पहले उसके 5 कथित सहयोगी अलग-अलग एनकाउंटर्स में पहले ही ढेर हो चुके थे। इससे पहले, कानपुर के चौबेपुर क्षेत्र के बिकरू गांव में 3 जुलाई 2020 की रात DSP देवेन्द्र मिश्रा समेत 8 पुलिसकर्मियों की उस समय मौत हो गयी थी, जब वे विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रहे थे। इन सभी पुलिसवालों पर घात लगाकर हमला किया गया था। ED ने कहा कि दुबे और उसके सहयोगी संगठित अपराध, भू माफिया, भ्रष्टाचार और PDS के लिए पैसे के गबन जैसे विभिन्न प्रकार के अपराधों में शामिल थे।

‘अपराध से कमाए गए पैसे की हुई कुर्की’
एजेंसी के बयान में कहा गया है कि ‘तथ्य, सबूत और रिकॉर्ड यह साबित करते हैं कि उक्त व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल थे और उन्होंने अपराध से प्राप्त ज्यादातर पैसे को अचल संपत्तियों में निवेश किया था।’ ED ने दुबे और उसके सहयोगियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस की कई FIRs का संज्ञान लेने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि विकास दुबे का मामले ने अपने समय में काफी सुर्खियां बटोरी थीं। इस केस में कई पुलिसवालों पर भी गाज गिरी थी।

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