Highlights
- मणिपुर के मोइरांग से 100 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में आया भूकंप
- भूकंप के तेज झटके से लोग सहम गए और घरों से बाहर निकल गए
- भूकंप के झटके महसूस होने के बीच घरों में रखी कई वस्तुएं हिलने लगीं
Earthquake: मणिपुर में भूकंप के तेज झटके से धरती कांप उठी है। मणिपुर के मोइरांग से 100 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में शुक्रवार सुबह 10.02 बजे भूकंप के तेज झटके आए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 रही। एएनआई ने नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के हवाले से यह जानकारी दी है।
बताया जा रहा है कि इस भूकंप के तेज झटके से लोग सहम गए और घरों से बाहर निकल गए और सड़क पर खड़े हो गए। हालांकि अभी तक की जानकारी के अनुसार किसी के हताहत होने या जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। स्थानीय रहवासियों के अनुसार भूकंप के झटके महसूस होने के बीच घरों में रखी कई वस्तुएं हिलने लगीं।
हाल ही में कारगिल में महसूस हुए थे भूकंप के झटके
इससे पहले हाल ही में दुनिया के सबसे उंचे युद्ध स्थल कारगिल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई थी। मीडिया में आई खबर के अनुसार, भूकंप का प्रभाव लद्दाख के आसपास महसूस किया गया था।। भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी।
लेह में भी आया था भूकंप
वहीं इससे पहले लेह के अलची से करीब 189 किमी उत्तर में भी हाल ही में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता 4.8 आंकी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी। भूकंप के कारण अभी किसी भी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
कुछ दिन पहले भी अल्ची में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। तब भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 मापी गई थी। बताया जाता है कि पिछले दिनों यहां जो भूकंप आया था उस समय लोग सुबह अपने अपने कामों में व्यस्त थे। उसी समय धरती हिली और भूकंप के कारण दरवाजे आथ्र खिड़कियां हिलने पर लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए थे।
जान माल के नुकसान न हो, इसलिए पहले से करें तैयारी
ऐसा कहा जाता है कि भूकंप के छोटे झटके किसी बड़े भूकंप के आने से पहले चेतावनी देते हैं। ऐसे में जानमाल के कम से कम नुकसान के लिए पहले से तैयारी शुरू कर देना ही समझदारी है। एक मीडिया रिपोर्ट में नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के पूर्व प्रमुख एके शुक्ला के हवाले से लिखा गया है कि ऐसी कोई मशीन नहीं बनी है, जिससे भूकंप की भविष्यवाणी हो सके। लेकिन जो छोटे भूकंप होते हैं। वह बड़े भूकंप की चेतावनी के तौर पर देखे जाने चाहिए।