Highlights
- कैंपबेल बे के 431 किमी दक्षिण पूर्व में तड़के 2.30 बजे यह भूकंप आया
- भूकंप की गहराई 75 किमी नीचे थी, तीव्रता 6.1 आंकी गई
- शुक्रवार सुबह मणिपुर में भी आया था भूकंप
Earthquake News: अंडमान निकोबार द्वीप समूह में एक बार फिर भूकंप से धरती कांपी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार कैंपबेल बे के 431 किमी दक्षिण पूर्व में तड़के 2.30 बजे यह भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 6.1 आंकी गई। भूकंप की गहराई 75 किमी नीचे थी। अभी तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह में कुछ दिन पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। सीस्मोलॉजी सेंटर के अनुसार द्वीप से 108 किमी उत्तर पूर्व डिगलीपुर में 4.9 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसकी गहराई जमीन से 10 किलोमीटर नीचे थी।
भारत के दक्षिण में स्थिति अंडमान निकोबार द्वीप समूह में आए भूकंप से पहले शुक्रवार सुबह ही तॉर्थ ईस्ट के राज्य मणिपुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
मणिपुर के मोइरांग से 100 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में शुक्रवार सुबह 10.02 बजे भूकंप के तेज झटके आए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 रही। एएनआई ने नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के हवाले से यह जानकारी दी। इस भूकंप के तेज झटके से लोग सहम गए और घरों से बाहर निकल गए और सड़क पर खड़े हो गए। हालांकि अभी तक की जानकारी के अनुसार किसी के हताहत होने या जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। स्थानीय रहवासियों के अनुसार भूकंप के झटके महसूस होने के बीच घरों में रखी कई वस्तुएं हिलने लगीं।
हाल ही में कारगिल में महसूस हुए थे भूकंप के झटके
इससे पहले हाल ही में दुनिया के सबसे उंचे युद्ध स्थल कारगिल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई थी। मीडिया में आई खबर के अनुसारए भूकंप का प्रभाव लद्दाख के आसपास महसूस किया गया था। भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी।
लेह में भी आया था भूकंप
वहीं इससे पहले लेह के अलची से करीब 189 किमी उत्तर में भी हाल ही में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप की तीव्रता 4.8 आंकी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी। भूकंप के कारण अभी किसी भी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
कुछ दिन पहले भी अल्ची में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। तब भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.2 मापी गई थी। बताया जाता है कि पिछले दिनों यहां जो भूकंप आया था उस समय लोग सुबह अपने अपने कामों में व्यस्त थे। उसी समय धरती हिली और भूकंप के कारण दरवाजे आथ्र खिड़कियां हिलने पर लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए थे।
जान माल के नुकसान न हो, इसलिए पहले से करें तैयारी
ऐसा कहा जाता है कि भूकंप के छोटे झटके किसी बड़े भूकंप के आने से पहले चेतावनी देते हैं। ऐसे में जानमाल के कम से कम नुकसान के लिए पहले से तैयारी शुरू कर देना ही समझदारी है। एक मीडिया रिपोर्ट में नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के पूर्व प्रमुख एके शुक्ला के हवाले से लिखा गया है कि ऐसी कोई मशीन नहीं बनी हैए जिससे भूकंप की भविष्यवाणी हो सके। लेकिन जो छोटे भूकंप होते हैं। वह बड़े भूकंप की चेतावनी के तौर पर देखे जाने चाहिए।