Highlights
- भूकंप का केंद्र कटरा से 62 किलोमीटर उत्तर पूर्व 5 किलोमीटर की गहराई में था
- महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रात 2.21 बजे भूकंप के झटके आए
- अफगानिस्तान में भी महसूस किया गया भूकंप
Earthquake News: जम्मू कश्मीर में फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। लगातार दूसरे दिन भूकंप आया है। दोनों ही बार भूकंप का केंद्र कटरा से 62 किलोमीटर उतर पूर्व 5 किलोमीटर की गहराई में था। उधर, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में भी 25—26 अगस्त की रात भूकंप से कंपन महसूस किया गया। भूकंप अफगानिस्तान में भी महसूस किया गया। हालांकि जान माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में सबसे पहले भूकंप का कंपन हुआ। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार महाराष्ट्र के कोल्हापुर में रात 2.21 बजे भूकंप के झटके आए। तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.9 आंकी गई। भूकंप का केंद्र 10 किमी गहराई पर था।
महाराष्ट्र के बाद जम्मू कश्मीर में भी भूकंप से कंपन हुआ। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार जम्मू कश्मीर में रात 3 बजकर 28 मिनट पर भूकंप के झटके आए। इस बार भी भूकंप का केंद्र कटरा से 62 किमी उत्तर पूर्व में जमीन से 5 किलोमीटर नीचे था। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 3.4 आंकी गई।
जम्मू कश्मीर में एक दिन पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। एक दिन पहले आए भूकंप का केंद्र भी इस बार की ही तरह था। हालांकि भूकंप का झटका आज आए भूकंप के कंपन से थोड़ ज्यादा था। हाल के समय में जम्मू कश्मीर में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। इस कारण लोगों में दहशत है।
अफगानिस्तान में 4.3 तीव्रता का आया भूकंप
उधर, अफगानिस्तान में भी भूकंप आया है। भूकंप का केंद्र राजधानी काबुल से 164 किमी उत्तर पूर्व में था। भूकंप की गहराई जमीन से 80 किमी नीचे थी। रात 2.22 बजे आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई।
लगातार भूकंप के झटके किसी बड़ी तबाही के संकेत?
जम्मू कश्मीर में हाल के समय में छोटे छोट भूकंप लगातार आ रहे हैं। कहीं ये छोटे भूकंप किसी बड़े खतरे के संकेत तो नहीं हैं? ऐसे में इन्हें हल्के में लिया जाना एक बड़ी गलती साबित हो सकती है। जानकारों का ऐसा मानना है कि इन हल्के भूकंपों को बड़ी चेतावनी के तौर पर देखा जाना चाहिए और बड़ा भूकंप आने पर नुकसान से बचने के लिए पहले से ही उसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
जान माल के नुकसान न हो, इसलिए पहले से तैयारी करना बेहतर होगा
ऐसा कहा जाता है कि भूकंप के छोटे झटके किसी बड़े भूकंप के आने से पहले चेतावनी देते हैं। ऐसे में जानमाल के कम से कम नुकसान के लिए पहले से तैयारी शुरू कर देना ही समझदारी है। एक मीडिया रिपोर्ट में नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के पूर्व प्रमुख एके शुक्ला के हवाले से लिखा गया है कि ऐसी कोई मशीन नहीं बनी है, जिससे भूकंप की भविष्यवाणी हो सके। लेकिन जो छोटे भूकंप होते हैं, वह बड़े भूकंप की चेतावनी के तौर पर देखे जाने चाहिए।
जम्मू कश्मीर में 2005 में क्या हुआ था?
जम्मू कश्मीर बेहद संवेदनशील क्षेत्रों में आता है। यहां 8 अक्टूबर, 2005 में बेहद भीषण भूकंप आया था। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.6 मापी गई थी। इस भूकंप के कारण एलओसी यानी नियंत्रण रेखा से सटे पाकिस्तान और भारत दोनों के ही इलाकों में 80 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी। वहीं अगर जम्मू कश्मीर की बात करें, तो यह भूकंप के खतरनाक जोन में पड़ता है। भारतीय मानक ब्यूरो ने विभिन्न एजेंसियों से मिली वैज्ञानिक जानकारी के आधार पर देश को भूकंपीय जोन में बांटा हुआ है।
इनमें सबसे अधिक खतरानक जोन 5 है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये वो क्षेत्र हैं, जिसमें रिक्टर स्केल पर 9 की तीव्रता का भूकंप आ सकता है। इस जोन 5 में पूरा का पूरा पूर्वोत्तर भारत, जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात के कच्च का रन, उत्तरी बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं। इन क्षेत्रों में अकसर भूकंप आते हैं।