Friday, November 15, 2024
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माउंट आबू और मेहसाणा में भूकंप से कांपी धरती, जानें रिक्टर स्केल पर कितनी रही तीव्रता

रात 10 बजकर 15 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी से मिली जानकारी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Updated on: November 15, 2024 23:44 IST
भूकंप से कांपी धरती- India TV Hindi
Image Source : FILE भूकंप से कांपी धरती

गुजरात के मेहसाणा और राजस्थान के माउंट आबू में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए है। जानकारी के मुताबिक रात 10 बजकर 15 मिनट पर इन दोनों जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी से मिली जानकारी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई है।

भूकंप के झटके महसूस होते ही लोगों में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि भूकंप की तीव्रता कम रहने के चलते किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। बता दें कि इससे पहले 10 नवंबर को भी माउंट आबू में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर आए भूकंप से इलाके में दहशत का मौहल देखा गया। 

क्यों आता है भूकंप

भूकंप आने की वजह पर अगर गौर करें तो यह धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्‍हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।

भूंकप का केंद्र और तीव्रता

भूकंप का केंद्र वह जगह होती है, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा महसूस होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती है, इसका प्रभाव कम होता जाता है। इसकी तीव्रता का मापक रिक्टर स्केल होता है। रिक्‍टर स्‍केल पर यदि 7 या इससे अधिक तीव्रता का भूकंप आता है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर की तरफ होती है तो प्रभाव क्षेत्र कम होता है। भूकंप की जितनी गहराई में आता है, सतह पर उसकी तीव्रता भी उतनी ही कम महसूस की जाती है।

 

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