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Durga Puja : इस युद्ध के बाद शुरू हुई थी दुर्गा पूजा की परंपरा, 264 साल पहले लगा था पहला पंडाल

नवरात्र की शुरुआत हो गई है। पूरे देश में लोग शक्ति की अराधना कर रहे हैं। सड़कों के किनारे, पार्कों में सोसाइटी में दुर्गा पूजा का पंडाल सज रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर पहली बार दुर्गा पूजा का पंडाल कैसे और कब लगा।

Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published : Sep 28, 2022 16:55 IST, Updated : Sep 28, 2022 16:55 IST
Durga Puja tradition
Image Source : PTI Durga Puja tradition

Highlights

  • इस युद्ध के बाद शुरू हुई थी दुर्गा पूजा की परंपरा
  • 264 साल पहले लगा था पहला पंडाल
  • प्लासी के युद्ध से है खास ताल्लुक

Durga Puja : नवरात्र की शुरुआत हो गई है। पूरे देश में लोग शक्ति की अराधना कर रहे हैं। सड़कों के किनारे, पार्कों में सोसाइटी में दुर्गा पूजा का पंडाल सज रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर पहली बार दुर्गा पूजा का पंडाल कैसे और कब लगा। देश में सबसे भव्य दुर्गा पूजा के पंडाल बंगाल में लगते हैं, कहा जाता है कि दुर्गापूजा के पंडाल की परंपरा यहीं से पूरे देश में फैली। हालांकि, बंगाल में पहली बार दुर्गापूजा का पंडाल कब लगा इस पर कई विवाद और कहानियां हैं। लेकिन इसको लेकर जो सबसे दिलचस्प कहानी है वो है 1757 के प्लासी के युद्ध को लेकर।

दुर्गा पूजा पंडाल का प्लासी के युद्ध से संबंध

कहा जाता है कि जब 1757 में अंग्रेजों और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच युद्ध हुआ तो बंगाल के लोगों ने प्लासी के मैदान में होने वाले इस युद्ध में अंग्रेजों की विजय प्राप्ति के लिए शक्ति की अराधना की। इस युद्ध में जब अंग्रेजों को जीत मिली ती उन्होंने शक्ति को धन्यवाद देने के लिए पूरे बंगाल में दुर्गापूजा का आयोजन किया। यह युद्ध 23 जून 1757 को हुआ था।

कहां है प्लासी का मैदान

प्लासी के मैदान में कई युद्ध हुए हैं। इस मैदान को लेकर कई तरह की कहानी है। हालांकि, अगर आप इस मैदान की लोकेशन जानना चाहते हैं, तो आपको बता दें कि ये बंगाल के मुर्शिदाबाद के दक्षिण में 22 मील दूर स्थित है। अंग्रेजों की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में अपना युद्ध लड़ा और नवाब सिराजुद्दौला की तरफ से नवाबों की सेना थी। इस युद्ध में नवाब की हार हुई और अंग्रेजों ने बंगाल फतह कर लिया। हालांकि, इस युद्ध में भी अंग्रेजों ने अपनी कुटिल बुद्धी लगाई और युद्ध से पहले ही रॉबर्ट क्लाइव ने नवाब के कुछ प्रमुख दरबारियों और शहर के अमीर सेठों को अपने साथ कर लिया था।

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