Highlights
- बोरियों में 50 किलोग्राम मादक पदार्थ छिपा हुआ मिला
- बाजार मूल्य 350 करोड़ रुपये है
- समुद्र के रास्तों के जरिए कैसे लाया जाता है
Drugs: ड्रग्स तस्करी से पूरी दुनिया परेशान है। सभी देशों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। वही भारत भी इसे अछूता नहीं रहा है। देश में आए दिन खबर सामने आती है कि इस बंदरगाह पर बड़ी मात्रा में ड्रग्स की खेप पकड़ी गई है। आपको बता दें कि इंडियन नेवी, एनसीबी, डीआरआई समेत कई एजेसिंया एक साथ मिलकर ड्रग्स के खिलाफ काफी सख्त मुहीम चलाती है। हाल के महीनों में कई हजारों करोड़ रुपये के ड्रग्स सिर्फ बंदरगाहों पर ही पकड़े जा चुके हैं। इनमें से सबेस अधिक मामला गुजरात और मुंबई में देखने को मिला।
भारतीय समुद्री क्षेत्र में देखा गया नांव
हाल ही में नेवी और एनसीबी ने केरल में एक ईरानी जहाज से 200 किलो से ज्यादा हेरोइन पकड़ा, उनकी कीमत की बात करें तो 1,200 करोड़ रुपये तक आंकी गई। वही गुजरात में शनिवार के दिन एटीएस गुजरात और इंडियन कोस्ट गार्ड ने 350 करोड़ की हेरोइन जब्त की है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार और शनिवार की दौरान रात एक अभियान चलाया गया। अधिकारियों ने कहा कि नौका में चालक दल के छह सदस्य सवार थे और इसे आगे की जांच के लिए राज्य के जखाऊ बंदरगाह लाया गया है। तटरक्षक बल द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि सात और आठ अक्टूबर की दौरान रात चलाए गए संयुक्त अभियान में एक पाकिस्तानी नौका को भारतीय समुद्र क्षेत्र में संदिग्ध स्थिति में देखा गया।
पकड़े गए तस्कर
उनका पीछा करने पर, पाकिस्तानी नाव तेज गति से चलने लगी। समुद्री क्षेत्र में गश्त के लिए तटरक्षक बल द्वारा तैनात किए गए सी-429 और सी-454 जहाजों ने पाकिस्तानी नौका को रोक लिया।" इसमें कहा गया कि नौका की तलाशी के बाद पांच बोरियों में 50 किलोग्राम मादक पदार्थ छिपा हुआ मिला जिसका अनुमानित बाजार मूल्य 350 करोड़ रुपये है। विज्ञप्ति में कहा गया कि नौका चालक दल के छह सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया है। आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि ये ड्रग्स कहां से भारत में आते हैं। आखिर इन्हें समुद्र के रास्तों के जरिए कैसे लाया जाता है। इसके बारे में विस्तार से समझते हैं।
कहां से आता है इतना ड्रग्स
आपको बता दें कि भारत में सबसे अधिक ड्रग्स की खेप अफगानिस्तान से आती है। यानी भारत का मुख्य स्रोत अफगानिस्तान है। इसके पीछे भी कारण है, अफगानिस्तान में काफी समय से वहां पर अफीम की खेती और तमाम नशीली दवाईयां को व्यापार होते आ रहा है। अब तो तालिबान के सत्ता में आने के बाद इस तरह के व्यापारों में काफी तेजी देखी जा रही है। भारत समेत दुनिया भर में 80 से 85 प्रतिशत ड्रग्स की सप्लाई अफगानिस्तान से होती है। तालिबान इन्हीं पैसों के बदलौत अपने आप को मजबुत कर रहा है। दुनिया भर के सुरक्षा एजेसिंयो में तालिबान ने नाक में दम कर रखा है। वही इसमें पाकिस्तान की भी अहम भूमिका होती है। भारत के पंजाब, श्रीनगर और राजस्थान में सीमा के पास कई बार ड्रग्स और अफीम की खेफ को पकड़ी जाती है। कई बार तो इसके लिए तस्कर सुरंग तक खोद डालते हैं। इसके अलावा अब ड्रोन की मदद से भी इस काम को अंजाम दिया जा रहा है। अगर समुद्र के अलावा ऐसे बात करें तो भारत में ड्रग्स नेपाल और पाकिस्तान के जरिए भी ड्रग्स को पहुंचान का प्रयास किया जाता है।
तस्करों के लिए परफेक्ट रूट
ड्रग्स की तस्करी के लिए समुद्र वाला रूट सबसे अधिक सेफ माना जाता है। हाल में जितनी भी ड्रग्स की खेप पकड़ी गई है उनका कनेक्शन समुद्र से रहा है। बड़े-बड़े नावों पर फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, और बड़े पार्सलों में छिपाकर लाने का प्रयास किया जाता है। भारत में ड्रग्स की खेप पहुंचान में ईरान की भी भूमिको होती है। अफगानिस्तान से जो भी ड्रग्स को इंडिया में सप्लाई किया जाता है तो ईरान का ही अक्सर पोर्ट का प्रयोग किया जाता है। आपको बता दें कि आपके मन में सवाल चल रहा होगा कि क्या वहां पर कोई सुरक्षा गार्ड नहीं होते हैं। जैसे एयरपोर्ट और स्टेशनों पर सुरक्षा होती है उस प्रकार से पोर्ट पर सुरक्षा नहीं हो पाती है इसके पीछ की वजह की बंदरगाहों का एरिया काफी बड़ा होता है। इसलिए ज्यादातर कस्टम अधिकारी और सुरक्षा एजेंसिया ड्रग्स को पकड़ पाने नकाम साबित हो जाती है।