Highlights
- खड़गे की सीट को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा
- "विपक्ष बिना किसी मुद्दे का मुद्दा बना रहे"
- पीयूष गोयल ने किया विपक्ष के आरोपों का खंडन
Droupadi Murmu Oath Ceremony: सरकार ने सोमवार को विपक्ष के इस आरोप का खंडन किया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को ऐसी सीट पर बैठाया गया जो उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थी। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने दावा किया था कि राष्ट्रपति मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में खड़गे को ऐसी सीट पर बैठाया गया जो उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थी। विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा के सभापति एम.वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर यह दावा भी किया कि एक वरिष्ठ नेता का जानबूझकर अनादर किया गया है।
जयराम रमेश ने मामले को लेकर किया ट्वीट
कांग्रेस महासचिव व राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने ट्विटर पर यह पत्र साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने नायडू को पत्र लिखा है। पत्र में इन दलों ने कहा, ‘‘आज राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में मल्लिकार्जुन खड़गे को ऐसी सीट पर बैठाया गया जो उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थी।’’ केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में किसी प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘वरीयता के क्रम में, विपक्ष के नेता कैबिनेट मंत्रियों के बाद आते हैं। नियमों के तहत उनकी सीट तीसरी पंक्ति में आती है। लेकिन खड़गे जी की वरिष्ठता का सम्मान करने के लिए, उन्हें पहली पंक्ति में ही सीट प्रदान की गई थी।"
"पहली पंक्ति में सीट देने का प्रयास"
जोशी ने कहा कि जब खड़गे ने किनारे वाली अपनी सीट को लेकर आपत्ति जताई तो वहां मौजूद कर्मियों ने उनसे बीच में आने का अनुरोध किया लेकिन खड़गे ने मना कर दिया। जोशी ने कहा कि शनिवार को निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई कार्यक्रम में खड़गे को प्रधानमंत्री के बगल वाली सीट दी गई, लेकिन वे नहीं आए। उन्होंने कहा, ‘‘यह राष्ट्रपति का भी अपमान था। आज विपक्ष बिना किसी मुद्दे का मुद्दा बना रहे हैं। वरीयता क्रम के बावजूद, हमने उन्हें पहली पंक्ति में सीट देने का प्रयास किया। ज्यादातर कैबिनेट मंत्री दूसरी पंक्ति में बैठे।’’
राज्यसभा में पीयूष गोयल ने दिया जवाब
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने भी खड़गे की सीट को लेकर विपक्ष के आरोप का खंडन किया। गोयल ने राज्यसभा में कहा कि कांग्रेस के एक नेता और इस सदन के सदस्य ने बेबुनियाद ट्वीट कर जनता को गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदस्य ने आरोप लगाया है कि आज सुबह राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में नेता प्रतिपक्ष को सही स्थान नहीं दिया गया। गोयल ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह में लोगों के बैठने की व्यवस्था गृह मंत्रालय के प्रोटोकॉल के तहत की गई थी। उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के तहत नेता प्रतिपक्ष 7वीं कड़ी में आते हैं और उसके हिसाब से उनकी सीट तीसरी पंक्ति में होती। लेकिन उन्हें अगली पंक्ति में सीट मिली थी जिसे देखकर उन्हें खुशी हुई। उन्होंने कहा कि खड़गे ने किनारे की सीट होने पर आपत्ति जताई और स्टाफ ने उनसे हाथ जोड़कर बीच में आने का अनुरोध किया लेकिन खड़गे ने इस अनुरोध को ठुकरा दिया।
उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले, शनिवार को एक कार्यक्रम संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित किया गया था जिसमें नेता प्रतिपक्ष को प्रधानमंत्री के पास एक ही बेंच पर सीट दी गई थी। उन्होंने कहा कि उस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री, नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष को एक साथ सीट दी गई थी, लेकिन नेता प्रतिपक्ष उस कार्यक्रम में नहीं आए। गोयल ने यह टिप्पणी राज्य सभा में उस समय की जब विपक्षी सदस्य महंगाई और कुछ आवश्यक वस्तुओं पर माल और सेवा कर (GST) लगाए जाने के मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे।