Highlights
- विदेश मंत्री स्तर पर डील के लिए हो चुकी है बातचीत
- अंतिम चरण में MQ-9B Predator की डील
- यह ड्रोन करीब 35 घंटे तक हवा में रह सकते हैं
Drone News: चीन और पाकिस्तान के मंसूबों को नेस्तनाबूत करने के लिए भारत के पास एक और हथियार होगा। भारत चीन को एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा और हिंद महासागर में निगरानी बढ़ाने के लिए सशस्त्र ड्रोन खरीदने जा रहा है। इस ड्रोन का नाम ‘30 एमक्यू-9बी प्रीडेटर’ (MQ-9B Predator) है। यह अचूक हथियार है, जिसकी लागत तीन अरब डॉलर से अधिक है। इस सशस्त्र ड्रोन को खरीदने को लेकर भारत की अमेरिका के साथ बातचीत लास्ट स्टेज में है।
इसी ड्रोन की मदद से अल जवाहिरी पर दागी थी मिसाइल
इस बारे में अधिकारियों ने रविवार को बताया कि MQ 9B Drone एमक्यू-9 ‘रीपर’ का ही एक प्रकार है। बताया जाता है कि एमक्यू-9 ‘रीपर’ का उपयोग हेलफायर मिसाइल के उस संशोधित संस्करण को दागने के लिए किया गया था, जिसने पिछले महीने काबुल में अल-कायदा सरगना अल-जवाहिरी को मार गिराया था। डिफेंस के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार डिफेंस के फील्ड में खास अमेरिकी कंपनी 'जनरल एटॉमिक्स' के ड्रोन की भारत और अमेरिका के बीच सरकारी खरीद को लेकर बातचीत जारी है। बातचीत लागत घटक, हथियारों के पैकेज और प्रौद्योगिकी को साझा करने से संबंधित कुछ मुद्दों को सुलझाने पर केंद्रित है।
विदेश मंत्री स्तर पर डील के लिए हो चुकी है बातचीत
ऐसा समझा जाता है कि अप्रैल में वाशिंगटन में भारत एवं अमेरिका के बीच हुई विदेश एवं रक्षा मंत्री स्तर की बातचीत में भी इस ड्रोन की खरीदी पर चर्चा हुई थी। इसी बीच रक्षा सूत्रों से जुड़े अधिकारियों ने इन खबरों का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि इस संबंध में नई दिल्ली और वॉशिंगटन में कोई बातचीत नहीं चल रही है।
अंतिम चरण में MQ-9B Predator की डील
इस बारे में ‘जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन’ के मुख्य कार्यकारी डॉ विवेक लाल ने न्यूज एजेंसी को दिए गए बयान में कहा कि दोनों देशों के बीच इस खतरनाक ड्रोन की खरीदी पर बातचीत अंतिम चरण में है। इस ड्रोन को जल, थल और वायुसेना तीनों सशस्त्र बलों की ताकत बढ़ाने के लिए खरीदा जा रहा है। यह ड्रोन समुद्री सीमाओं की निगरानी, सबमरीन रोधी आयुध, क्षितिज से परे लक्ष को साधने और जमीन पर उपस्थिति लक्ष्यों पर निशाना साधने सहित कई काम करने में सक्षम है।
इन अमेरिकी ड्रोन्स में क्या है खास?
- यह ड्रोन करीब 35 घंटे तक हवा में रह सकते हैं। इसे अमेरिकी डिफेंस कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने बनाया है, जो कि रिमोट से संचालित होता है। इसे निगरानी, खुफिया जानकारी जुटाने और दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने सहित कई उद्देश्यों के लिए तैनात किया जा सकता है।
- 450 किलोग्राम वजन का बम और चार हेलफायर मिसाइल भी यह ड्रोन अपने साथ कैरी कर सकता है। इस ड्रोन एमक्यू-9बी के दो प्रकार हैं, पहला स्काई गार्डियन और दूसरा सी गार्डियन।
- स्काईगार्डियन ड्रोन (mq-9b-skyguardian-drone) उड़ान भरने के बाद 1800 मील यानी 2900 किलोमीटर तक उड़ सकता है। यानी इसे मध्यभारत के किसी एयरबेस से उड़ाया जाए, तो यह जम्मू-कश्मीर में चीन और पाकिस्तान की सीमा तक निगहबानी कर सकता है। यह ड्रोन 50 हजार फीट की ऊंचाई पर 35 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है। इसके अलावा यह ड्रोन 6500 पाउंड का पेलोड लेकर उड़ सकता है।
वहीं ‘एमक्यू-9बी सी गार्जियन’ की बात की जाए तो भारतीय नौसेना को 2020 में मुख्य रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी के लिए अमेरिका से दो ‘एमक्यू-9बी सी गार्जियन’ ड्रोन पट्टे पर मिले थे। नौसेना के लिए इस ड्रोन ने 'बहुत अच्छा' प्रदर्शन किया है और उन्होंने भारतीय नौसेना की समुद्री एवं स्थलीय सीमा पर गश्त के लिए करीब 3000 घंटे उड़ान भरी।