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DRDO News: ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली उड़ान सफल, रक्षा क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि

विमान की यह उड़ान भविष्य के मानव रहित विमानों के विकास की दिशा में जरूरी तकनीक को साबित करती है।

Reported By: Manish Prasad @manishindiatv
Published : Jul 01, 2022 19:14 IST, Updated : Jul 02, 2022 6:42 IST
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Image Source : DRDO Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator.

Highlights

  • इस विमान ने पूरी तरह ऑटोमैटिक मोड में उड़ान भरी।
  • स्ट्रैटिजिक डिफेंस टेक्नॉलजी की दिशा में यह बड़ा कदम है।
  • फ्यूचर के इस विमान ने आसानी से टचडाउन भी किया।

DRDO News: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी कि DRDO की अनगिनत उपलब्धियों में शुक्रवार को एक और उपलब्धि का इजाफा हो गया। DRDO ने शुक्रवार को ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली उड़ान का कर्नाटक के चित्रदुर्ग में स्थित वैमानिकी परीक्षण रेंज (Aeronautical Test Range) से सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस विमान ने पूरी तरह ऑटोमैटिक मोड में उड़ान भरते हुए टेक-ऑफ, वे पॉइंट नेविगेशन आदि का शानदार प्रदर्शन किया और आसानी से टचडाउन भी किया। 

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क्यों खास रही DRDO की यह उड़ान

इस विमान की यह उड़ान भविष्य के मानव रहित विमानों के विकास की दिशा में जरूरी तकनीक को साबित करती है। इसके साथ ही स्ट्रैटिजिक डिफेंस टेक्नॉलजी की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम है। इस मानव रहित विमान को बेंगलुरु के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (Aeronautical Development Establishment) ने डिजाइन और डिवेलप किया है। ADE, DRDO की एक प्रमुख रिसर्च लैबोरेटरी है। यह विमान एक छोटे टर्बोफैन इंजन द्वारा ऑपरेट होता है।


पूरी तरह से स्वदेश निर्मित है सिस्टम
खास बात यह है कि इस विमान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एयरफ्रेम, अंडर कैरिज और संपूर्ण उड़ान नियंत्रण और एवियोनिक्स सिस्टम स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं। इस तरह से देखा जाए तो यह मिलिट्री टेक्नॉलजी की दिशा में भारत का एक बड़ा कदम है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने इस प्रणाली के डिजाइन, विकास और परीक्षण से जुड़ी टीमों के प्रयासों की सराहना की।

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राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा ने दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO को बधाई देते हुए कहा कि यह ऑटोनॉमस एयरक्राफ्ट की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है और इससे महत्वपूर्ण मिलिट्री सिस्टम्स के रूप में ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मार्ग भी प्रशस्त होगा। यह हमारी सैन्य प्रौद्योगिकी की उन्नति की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मानिर्भर भारत के सपने को पूरा करता है।

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